लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस के साथ ट्रेन को डिरेल करने की एक गंभीर साजिश का मामला सामने आया है। सूचना मिली है कि रेलवे ट्रैक पर एक बड़ा पत्थर रखा गया था

जिसे चालक ने समय पर देख लिया। चालक ने सूझ-बूझ से इमरजेंसी ब्रेक लगाया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। यह घटना सुरक्षा में खामियों को उजागर करती है

और रेलवे अधिकारियों को सतर्क रहने की आवश्यकता को दर्शाती है। ऐसे प्रयासों से यात्रियों की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है, और इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

बलिया-छपरा रेलखंड के मांझी रेल पुल के समीप शनिवार को लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस को डिरेल करने की एक गंभीर साजिश की गई। आरोपियों ने ट्रैक पर पत्थर रख दिए, जिससे इंजन का सुरक्षा गार्ड क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना के कारण करीब आधे घंटे तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा, और बलिया, छपरा सहित कई स्टेशनों पर ट्रेनों को रोकना पड़ा।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वाराणसी और जिला पुलिस की स्पेशल टीम पत्थर रखने वालों की तलाश में जुट गई है। यह घटना रेलवे सुरक्षा को लेकर एक बड़ा प्रश्न उठाती है और इसके पीछे के कारणों की जांच करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसे प्रयासों को रोका जा सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर सुरेमनपुर से छपरा के लिए रवाना हुई थी। शनिवार सुबह 10:20 बजे, ट्रेन मांझी पुल से पहले वकुल्हा-मांझी के बीच किलोमीटर 18-10 पर ट्रैक पर एक बड़ा पत्थर देखी गई। चालक ने तत्परता दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन को रोका, लेकिन इसके बावजूद इंजन का सुरक्षा गार्ड क्षतिग्रस्त हो गया।

घटना के बाद, चालक, गार्ड और यात्रियों ने मिलकर पत्थर को ट्रैक से हटाया। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा की गंभीरता को फिर से उजागर किया है, और यह आवश्यक है कि रेलवे अधिकारियों द्वारा इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यात्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को ट्रैक की नियमित जांच और निगरानी बढ़ानी चाहिए।

मांझी रेलवे स्टेशन के मास्टर रंजन कुमार ने घटना की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को दी। इसके बाद, सीओ आरपीएफ, आरपीएफ प्रभारी बीके सिंह, छपरा प्रभारी और क्षेत्राधिकारी वैरिया मो. उस्मान, तथा थाना प्रभारी वैरिया रामायण सिंह अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे।

इंजीनियरों ने स्थिति का मूल्यांकन किया और घटनास्थल की जांच पड़ताल की, जिसके बाद ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू किया गया। इस त्वरित कार्रवाई ने सुनिश्चित किया कि रेलवे सेवाएं यथाशीघ्र बहाल हो सकें और यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। यह घटना रेलवे सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन की दिशा में सही कदम उठाने की आवश्यकता को दर्शाती है

मिर्जापुर : पटरी पर अग्निशमन यंत्र देख रोकी गई मालगाड़ी

मिर्जापुर में शनिवार की सुबह लगभग 5:56 बजे मालगाड़ी संख्या जेजे-109 जिवनाथपुर से चुनार की दिशा में जा रही थी। इस दौरान, चालक ने डाउन लाइन पर पोल संख्या 681/24 के किलोमीटर के पास एक अग्निशामक यंत्र पड़ा हुआ देखा और तुरंत गाड़ी रोक दी।

सहायक स्टेशन मास्टर संतोष कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर एक टीम मौके पर पहुंची। जांच में पाया गया कि अग्निशामक यंत्र पर “10/24 डीआर” लिखा था और यह चार किलोग्राम वजनी यंत्र मुंबई जाने वाली ट्रेन का था,

जो रेल पटरी पर गिर गया था। जांच के बाद, मालगाड़ी को आगे के लिए रवाना किया गया, जिससे यात्रियों और माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकी। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा और कर्मचारियों की तत्परता को उजागर किया है।

 

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