नीरज चोपड़ा का पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल न जीत पाने का अफसोस समझा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में देश को स्वर्ण पदक दिलाया था, जिससे उम्मीदें और भी बढ़ गई थीं।
उनका यह कहना कि उन्होंने “जोश में होश गंवा दिया” इस बात को दर्शाता है कि खेल के दौरान मानसिक संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है। हर खिलाड़ी के करियर में कुछ पल ऐसे होते हैं
जहां छोटी सी चूक बड़े परिणामों में बदल सकती है। नीरज की यह ईमानदारी उनके चरित्र और खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दिखाती है, और उनके प्रशंसकों को उम्मीद होगी कि वे भविष्य में और भी मजबूत होकर वापसी करेंगे।
नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भाला फेंक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया, हालांकि वह गोल्ड मेडल से चूक गए। नीरज ने खुलासा किया कि उन्होंने स्वर्ण पदक जीतने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनका प्रयास पर्याप्त नहीं रहा। इस नतीजे के बावजूद, नीरज चोपड़ा भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड में लगातार दो ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं, जो उनके करियर और भारतीय खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस मुकाबले में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता, जिससे उनकी जीत ने प्रतिस्पर्धा को और भी रोमांचक बना दिया। नीरज और अरशद के बीच का मुकाबला दोनों देशों के खेल प्रेमियों के लिए भी एक यादगार पल रहा।
पेरिस ओलंपिक 2024 में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने अपने दूसरे प्रयास में अविश्वसनीय 92.97 मीटर का थ्रो करते हुए पूरी दुनिया को चौंका दिया। उनका यह प्रयास न केवल प्रतियोगिता में सबसे लंबा था,
बल्कि इसे कोई भी एथलीट पार नहीं कर सका। नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर की दूरी तय की, जो उनके शानदार प्रयास के बावजूद उन्हें सिल्वर मेडल तक ही पहुंचा सकी। इस मुकाबले में अरशद की जीत और नीरज की स्थिरता ने ट्रैक एंड फील्ड की इस स्पर्धा को ऐतिहासिक बना दिया, जहां दोनों एथलीटों ने अपने-अपने देशों का गौरव बढ़ाया।