रतन टाटा ने हाल ही में अपने स्वास्थ्य के बारे में फैल रही अफवाहों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैल रहीं अफवाहों से अवगत हूं।

मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि जनता और मीडिया गलत सूचना फैलाने से बचें।” उनके इस बयान से साफ हो गया है कि वह स्वस्थ हैं और ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की सलाह दी है।

टाटा समूह के दिग्गज रतन टाटा की अचानक तबीयत बिगड़ने की खबरें गलत साबित हुई हैं। उन्होंने स्वयं इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि उनके आईसीयू में भर्ती होने के सभी दावे अफवाह हैं।

रतन टाटा ने कहा, “मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैल रहीं अफवाहों से अवगत हूं। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं फिलहाल अपनी उम्र और सेहत संबंधी जरूरी चिकित्सा जांच करवा रहा हूं।

चिंता की कोई बात नहीं है। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने जनता और मीडिया से आग्रह किया कि गलत सूचना फैलाने से बचें। उनके इस स्पष्ट बयान ने उनके प्रशंसकों और समर्थकों को राहत दी है।

इससे पहले खबरें आई थीं कि रतन टाटा को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कहा गया था कि उनका ब्लड प्रेशर अचानक काफी गिर गया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया और आईसीयू में रखा गया।

हालांकि, इन अफवाहों को कुछ ही देर बाद खुद रतन टाटा ने निराधार करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह स्वस्थ हैं और अपनी उम्र से संबंधित नियमित चिकित्सा जांच करा रहे हैं। उनके इस बयान ने लोगों को असुरक्षा और चिंता की स्थिति से राहत दिलाई है।

रतन नवल टाटा एक प्रमुख भारतीय व्यापारी, निवेशक, और दानवीर हैं, जिन्होंने टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह टाटा समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं और उनके नेतृत्व में समूह ने कई सफलताओं को हासिल किया।

रतन टाटा को भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है, जिनमें कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी शामिल हैं। उनका योगदान व्यवसाय और समाज में उत्कृष्टता के लिए प्रेरणादायक है।

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