दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस करना एक महत्वपूर्ण घटना है, खासकर जब इसका केंद्र पड़ोसी देश पाकिस्तान में हो। रिक्टर स्केल पर 5.8 की तीव्रता का भूकंप खासा महसूस किया जा सकता है, लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।

 

 

भूकंप के झटकों से सुरक्षित रहना बहुत जरूरी है। ऐसे समय में घर के भीतर रहते हुए दरवाजे के पास या मजबूत टेबल के नीचे छिपना सबसे अच्छा होता है। अगर आप बाहर हैं, तो खुले स्थान पर जाने की कोशिश करें और ऊँची इमारतों या बिजली के खंभों से दूर रहें।

आपके क्षेत्र में सुरक्षा उपाय और आपातकालीन सेवाओं की जानकारी भी रखना अच्छा रहेगा ताकि जरूरत पड़ने पर आप सही निर्णय ले सकें।

दिल्ली-एनसीआर में बुधवार दोपहर एक बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था और इसकी तीव्रता 5.8 दर्ज की गई है। इस तीव्रता का भूकंप आमतौर पर हल्के से मध्यम झटके पैदा कर सकता है।

दिल्ली-नोएडा के लोगों ने भूकंप के हल्के झटके महसूस किए, और कुछ लोगों को ऑफिस में बैठे समय कुर्सी के हिलने का एहसास हुआ। यह भी राहत की बात है कि फिलहाल किसी प्रकार के गंभीर नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।

भूकंप के झटकों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होता है। अगर आप ऑफिस या घर में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर जाकर स्थिति का आकलन करें और आवश्यक सावधानियां बरतें। स्थानीय अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं की सलाह और निर्देशों का पालन करना भी अत्यंत आवश्यक है।

कहां हिली धरती? 

पाकिस्तान में आए भूकंप के झटके दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, और जम्मू-कश्मीर तक महसूस किए गए। यह हाल ही में दो हफ्तों में दूसरी बार है जब दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन 4 में आता है, जो भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र होता है। दिल्ली पाकिस्तान और हिमालय क्षेत्र के करीब स्थित है, जिसके कारण यहाँ पर भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं। पिछले एक साल में दिल्ली में कई बार भूकंप के झटके आ चुके हैं, लेकिन यह राहत की बात है कि अब तक किसी भी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।

भूकंप के झटकों से बचने के लिए, सुरक्षा उपायों का पालन करना जरूरी है। अगर आप भूकंप के दौरान सुरक्षित जगह पर हैं, तो तात्कालिक स्थिति का आकलन करें और सुनिश्चित करें कि आप और आपके आस-पास के लोग सुरक्षित हैं। स्थानीय अधिकारियों की सलाह और आपातकालीन निर्देशों का पालन करना भी अत्यंत आवश्यक है।

भूकंप क्यों आता है? 

आपने भूकंप के बारे में बहुत अच्छा संक्षेप में समझाया है। यहाँ पर इसे और स्पष्ट करने के लिए कुछ अतिरिक्त विवरण दिए जा सकते हैं:

पृथ्वी की आंतरिक संरचना में चार प्रमुख परतें होती हैं पृथ्वी का सबसे आंतरिक हिस्सा, ठोस और मुख्यतः लोहे और निकेल से बना है।

इनर कोर के ऊपर की परत, तरल अवस्था में होती है और मुख्यतः लोहा और निकेल से बनी होती है। आउटर कोर के ऊपर स्थित परत, इसमें मैग्नीशियम, सिलिकॉन और अन्य खनिज होते हैं। यह ठोस और तरल के बीच एक स्थिति में होता है और इसमें गर्मी और ऊर्जा का संचलन होता है।

पृथ्वी की सबसे बाहरी परत, जिसमें ठोस चट्टानें होती हैं। क्रस्ट और ऊपरी मेंटल मिलकर लिथोस्फेयर बनाते हैं, जो कई टेक्टोनिक प्लेट्स में विभाजित होती हैं। ये प्लेट्स धीरे-धीरे गति करती हैं और आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या एक-दूसरे के नीचे चली जाती हैं। जब टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं या एक-दूसरे के नीचे चली जाती हैं, तो अत्यधिक दबाव और तनाव उत्पन्न होता है। यह ऊर्जा अचानक बाहर निकलती है, जिससे भूकंप उत्पन्न होता है।

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