IAF Woman Officer News: एक महिला आईएएफ अधिकारी ने गंभीर आरोप लगाया है कि उसे हर दिन अधिकारियों द्वारा परेशान किया जाता है। उसने बताया कि उसे उन लोगों के साथ घुलने-मिलने और अपने उत्पीड़क के साथ कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है। इस नए माहौल में आने के कारण वह मानसिक तनाव का सामना कर रही है।

नई दिल्ली: एक महिला आईएएफ अधिकारी ने विंग कमांडर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। उसने बताया कि 31 दिसंबर 2023 की रात को ऑफिसर्स मेस में नए साल की पार्टी थी। पार्टी खत्म होने के बाद, जब वह घर जाने की तैयारी कर रही थी, तभी विंग कमांडर का फोन आया। उन्होंने पूछा कि उसे नए साल का गिफ्ट मिला या नहीं, और जब उसने मना किया, तो उन्होंने कहा कि गिफ्ट उनके रूम में रखा है।

श्रीनगर एयरफोर्स स्टेशन में तैनात महिला अधिकारी ने दावा किया है कि पिछले दो साल से उसका यौन उत्पीड़न हो रहा था। उसने 8 सितंबर 2024 को बडगाम पुलिस स्टेशन में रेप से संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। उसकी शिकायत के अनुसार, एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों ने उसे लगातार उत्पीड़न और मानसिक यातनाएं दी हैं। महिला अधिकारी ने उस रात की पूरी आपबीती भी साझा की है जब विंग कमांडर ने उसे गिफ्ट देने के बहाने अपने रूम में बुलाया।

विंग कमांडर ने गिफ्ट के बहाने रूम में बुलाया और…

महिला आईएएफ अधिकारी ने अपनी शिकायत में बताया कि विंग कमांडर ने उसे गिफ्ट देने के बहाने अपने रूम में बुलाया। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और बच्चे कहीं बाहर गए हुए हैं। जब वह रूम में पहुंची, तो विंग कमांडर ने छेड़छाड़ शुरू कर दी और उसे ओरल सेक्स के लिए मजबूर करने लगे। महिला ने बार-बार छोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन वह बुरी तरह डर गई थी।

समझ नहीं आया कि मेरे साथ क्या हुआ

महिला आईएएफ अधिकारी ने बताया कि जब विंग कमांडर ने उसे अपने रूम में बुलाया, तो उसने बार-बार मना किया, लेकिन वह नहीं रुके। उसने पूरी ताकत से विरोध किया और धक्का देकर बाहर आ गई। बाहर आकर वह पूरी तरह सदमे में थी और समझ नहीं पा रही थी कि उसके साथ क्या हुआ। उसने कहा कि पहले भी कई बार उसे ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने से मना किया गया था, जिससे वह और भी डर गई थी।

अपनी मानसिक हालत शब्दों में नहीं कह सकती

महिला आईएएफ अधिकारी ने अपनी आपबीती में बताया कि अगले दिन ऑफिस जाते समय वह रात की घटनाओं के बारे में सोच-सोचकर परेशान थी। उसने कहा कि एक शादीशुदा महिला को सेना में आने के बाद ये सब सहना पड़ा। जब वह ऑफिस पहुंची, तो विंग कमांडर भी वहां आया और ऐसा बर्ताव किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उसकी आंखों में कोई पछतावा नहीं था। परेशान होकर, उसने अपनी दो महिला साथी अधिकारियों से बात की, जिन्होंने उसे सलाह दी कि वह इस घटना की शिकायत दर्ज कराए।

जांच के बहाने मुझे ही परेशान किया गया

महिला आईएएफ अधिकारी ने कहा कि उसने हिम्मत जुटाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और जांच के लिए कर्नल रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया गया। जनवरी में, विंग कमांडर को उसके साथ बिठाकर बयान दर्ज कराने की कोशिश की गई, लेकिन जब उसने उनकी मौजूदगी पर आपत्ति जताई, तो कुछ दिन बाद ही जांच बंद कर दी गई। इसके बाद उसने आंतरिक समिति को लिखित शिकायत दी, लेकिन दो महीने बाद भी उसे बुलाया गया और उसकी मेडिकल जांच नहीं की गई। उसे ऐसा महसूस हुआ कि सभी लोग विंग कमांडर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

चश्मदीद न होने पर जांच बंद हो गई

महिला आईएएफ अधिकारी ने बताया कि जब उसने छुट्टी की अर्जी दी, तो उसे मंजूर नहीं किया गया। उसने विंग कमांडर की पोस्टिंग अलग करने की भी मांग की, लेकिन उस पर भी ध्यान नहीं दिया गया। उसे रोजाना विंग कमांडर के साथ काम करने के लिए मजबूर किया गया, जबकि अधिकारियों ने उसे परेशान किया और विंग कमांडर बेफिक्र था। आंतरिक कमेटी ने जांच के बाद कहा कि कोई चश्मदीद नहीं होने के कारण मामला तय नहीं हो पाया और मई में जांच बंद कर दी गई।

लगातार डर के साए में जी रही हूँ

महिला आईएएफ अधिकारी ने कहा कि घटना के बाद उसे लगातार मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ा और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा। उसके मिलने-जुलने के लोगों पर सीनियर अधिकारी नजर रखने लगे और उन्हें परेशान करने लगे। इस उत्पीड़न ने उसे मानसिक रूप से बहुत परेशान कर दिया और वह हर समय डर के साए में जी रही है। जब भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो उसने मजबूर होकर जम्मू-कश्मीर पुलिस से मदद मांगी।

 

 

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