मुजफ्फरपुर जिले में स्थित बिशनपुर बघनगरी गांव स्वच्छता अभियान की बड़ी मिसाल है। यहां की मुखिया बबिता कुमारी की पहल से गांव तो स्वच्छ बना ही है, साथ ही कचरा प्रबंधन से 17 लोगों को रोजगार भी मिला है। बबीता कुमारी की इस पहल की वजह से उन्हें दो अक्टूबर 2022 को ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

स्वच्छता अभियान की शुरुआत

बिशनपुर बघनगरी पंचायत की मुखिया बबिता कुमारी ने बताया कि साल 2021 में जब मुझे गांव के मुखिया के रूप में जिम्मेदारी मिली, तो उस समय यहां की स्थिति काफी खराब थी, मगर धीरे-धीरे स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दिया गया। इस अभियान में ग्रामीणों का भी पूरा सहयोग मिला। इसके बाद घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया और स्वच्छता मित्र बनाकर कूड़ा उठाने का काम शुरू किया गया।

ग्रामीणों को रोजगार

स्वच्छता अभियान से रोजगार पाने वाली चंदा कुमारी ने कहा कि मैं स्वच्छता कर्मी के रूप में काम करती हूं, पहले मेरे पास कोई काम नहीं था, लेकिन मुखिया ने मुझे काम दिलाने का काम किया है। हम अपने काम के साथ गांव को स्वच्छ रखने का भी प्रयास करते हैं। स्वच्छता मित्र चंद्रिका सहाय ने कहा कि मुझे स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव में ही रोजगार मिल पाया है। मेरा काम घर-घर जाकर कचरा जमा करना होता है, इसके बाद में खाद बनाई जाती है।

कूड़े से रोजगार

प्रखंड सलाहकार स्वच्छता पर्यवेक्षक नरेंद्र कुमार ने बताया कि मैं बिशनपुर बघनगरी गांव का ही रहने वाला हूं, जब देश में स्वच्छता अभियान शुरू हुआ था तो उस समय ही मैं इस अभियान से जुड़ गया था। यहां पर हम सबने मिलकर स्वच्छता के क्षेत्र में काम किया है। इस अभियान के माध्यम से गांव के 17 लोगों को रोजगार मिल पाया है। बता दें कि मुजफ्फरपुर जिले के बिशनपुर बघनगरी गांव में पहले गंदगी का अंबार लगा रहता था, लेकिन बीते कुछ समय में गांव ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है। यहां कचरे से खाद बनाई जाती है।

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