यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में 20,000 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए हैं। ये अभ्यर्थी वे हैं जिनके फिंगर प्रिंट, जन्मतिथि, निवास पत्र, या फोटो आधार से मेल नहीं खा रहे हैं। इसके अलावा, यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के रडार पर सुभासपा विधायक बेदीराम और 1,500 से अधिक अन्य लोग भी हैं।

यह स्थिति भर्ती परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करती है। संदिग्ध अभ्यर्थियों की जांच की जा रही है और भर्ती प्रक्रिया की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।

लखनऊ: यूपी पुलिस की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी पूरी जोर-शोर से की जा रही है। इस परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए राज्य सरकार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रही है। यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम ने सुभासपा विधायक बेदीराम समेत 1,500 से ज्यादा अपराधियों और संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी बढ़ा दी है। इन संदिग्धों में कई लोग पिछले 12 वर्षों में पेपर लीक और सॉल्वर गैंग जैसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

23 अगस्त को होने वाली परीक्षा के लिए, मंगलवार से यूपी पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड की वेबसाइट से प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जा सकते हैं। अभ्यर्थी अपनी परीक्षा की तारीख से तीन दिन पहले तक एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा के दौरान धार्मिक चिह्न जैसे मंगलसूत्र, कड़ा आदि पर कोई रोक नहीं है, ताकि अभ्यर्थियों को धार्मिक प्रतीकों के लिए कोई परेशानी न हो।

इस परीक्षा के आयोजन में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने जानकारी दी है कि सिपाहियों के 60,244 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा के लिए प्रदेश के 67 जिलों में कुल 1,154 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को दो-दो पालियों में होगी। सभी परीक्षा केंद्र शहरों में स्थित हैं और इन पांच दिनों में कुल 48,17,441 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे।

अब तक 48 लाख अभ्यर्थियों का आधार सत्यापन किया जा चुका है। इस प्रक्रिया के दौरान 20,000 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए हैं। ये अभ्यर्थी वे हैं जिनके फिंगर प्रिंट, जन्मतिथि, निवास पत्र या फोटो आधार से मेल नहीं खा रहे हैं।

संदिग्ध अभ्यर्थियों को परीक्षा के दिन केंद्र पर ढाई घंटे पहले पहुंचने का निर्देश दिया गया है, साथ ही उन्हें सप्लीमेंट्री कागजात (जैसे पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट) साथ लाने को कहा गया है। परीक्षा केंद्रों पर इन सभी का ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक-केवाईसी) किया जाएगा, इसके बाद ही उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।

इन सुरक्षा और सत्यापन उपायों के माध्यम से परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित किया जा रहा है।

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