अमन कुमार गौतम की पुलिस कस्टडी में मौत ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला उस समय का है जब 24 वर्षीय अमन को जुए के अड्डे पर छापेमारी के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। परिवार का आरोप है कि उसे पुलिसकर्मियों द्वारा बुरी तरह पीटा गया, जिसके कारण उसकी मौत हुई। इसके विपरीत, पुलिस का कहना है कि अमन की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई
इस घटना के बाद चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। परिवार और स्थानीय नेता इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता अजय राय ने आरोप लगाया है कि पुलिस के अधिकारी अमन के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसे प्रताड़ित कर रहे थे। उन्होंने अमन की पत्नी को ₹1 करोड़ मुआवजे और सरकारी नौकरी की भी मांग की है
इस मामले ने न केवल पुलिस बर्बरता के मुद्दे को उजागर किया है, बल्कि यह भारत में हाशिए पर खड़े समुदायों के प्रति न्याय की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है
लखनऊ में दलित युवक अमन कुमार गौतम की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला लगातार सुर्खियों में है। इस मामले में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़ित परिवार ने सवाल उठाया है कि जब मामला दर्ज हो चुका है, तो पुलिस कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है
इस मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में भी उथल-पुथल मचा दी है। कई नेता इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं और पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की अपील कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता अजय राय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अमन को बुरी तरह प्रताड़ित किया, जबकि पुलिस का दावा है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी
11 अक्टूबर की रात लखनऊ के विकासनगर सेक्टर-8 में अंबेडकर पार्क के पास जुआ खेलने की सूचना पर यूपी 112 की पीआरवी-4830 टीम मौके पर पहुंची थी। इस दौरान कुछ संदिग्ध लोग भागने में सफल रहे, लेकिन पुलिस ने सोनू बंसल और अमन कुमार गौतम को पकड़ा। पकड़े जाने के बाद अमन की तबीयत बिगड़ गई, और वह अपनी जान गंवा बैठा