नोएडा पुलिस को आखिरकार ठक-ठक गैंग के सरगना को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है, जिसे वे लंबे समय से तलाश कर रहे थे। इस गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 10 लैपटॉप भी बरामद किए हैं,

जो संभवतः गैंग द्वारा की गई चोरी से जुड़े हो सकते हैं। गैंग की गतिविधियां आमतौर पर सड़क पर लोगों का ध्यान भटकाकर चोरी करने की होती हैं। इस महत्वपूर्ण गिरफ्तारी के बाद, डीसीपी नोएडा ने सरगना को पकड़ने वाली पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का इनाम देकर उनकी प्रशंसा की है। यह कार्रवाई क्षेत्र में अपराध पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

नोएडा पुलिस ने ठक-ठक गैंग के सरगना को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह गिरोह गूगल मैप का उपयोग करके शहर में ट्रैफिक जाम की जानकारी लेता था

और फिर जाम में फंसी कारों के अंदर से लैपटॉप चोरी की वारदात को अंजाम देता था। गिरफ्तार किए गए सरगना के खिलाफ विभिन्न थानों में कुल 40 केस दर्ज हैं,

और वह गैंगस्टर एक्ट के तहत फरार चल रहा था। पुलिस ने इसके पास से चोरी किए गए 10 लैपटॉप बरामद किए हैं। सरगना को पकड़ने वाली टीम को डीसीपी नोएडा द्वारा 10 हजार रुपये का इनाम दिया गया है, जिससे पुलिस की इस कार्रवाई को सराहना मिल रही है।

डीसीपी राम बदन सिंह के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर का निवासी अभिषेक उर्फ विक्रम ठक-ठक गिरोह का मुख्य सरगना है। नोएडा पुलिस पहले ही उसके 10 साथियों को गिरफ्तार कर चुकी थी।

अभिषेक गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर गूगल मैप की मदद से ट्रैफिक जाम में फंसी कारों की रेकी करता था और फिर उनके अंदर से लैपटॉप चोरी करवाता था।

नोएडा पुलिस ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से एक विशेष टीम गठित की और आखिरकार सेक्टर-113 थाना पुलिस को सफलता मिली। अभिषेक ने चोरी किए गए लैपटॉपों को एफएनजी सर्विस रोड के पास ग्रीन बेल्ट में छिपा रखा था, जिन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया है।

दिल्ली-गाजियाबाद में दर्ज हैं मामले

डीसीपी राम बदन सिंह ने आगे बताया कि अभिषेक उर्फ विक्रम और उसका गिरोह भीड़भाड़ वाले बाजारों और इलाकों में खड़ी कारों को निशाना बनाता था। यह गिरोह पांच के सिक्के, गुलेल, और छर्रों का उपयोग करके महज पांच सेकेंड में कार के शीशे को तोड़कर उसमें रखा सामान चोरी कर फरार हो जाता था।

चोरी किए गए लैपटॉप और अन्य सामान को बेचकर गिरोह के सदस्य आपस में पैसे बांट लेते थे। नोएडा के अलावा, आरोपी ने दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में भी वारदातें की हैं।

गिरोह की योजना में गूगल मैप का उपयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। अभिषेक सुबह और शाम के समय यह जांचता था कि शहर में कहां पर ट्रैफिक जाम अधिक होता है

और फिर अपने साथियों को वहां भेज देता था। गिरोह के सदस्य चालाकी से पीछे से कार पर जोर से मारते थे, जिससे ड्राइवर बाहर निकलकर देखने आता, और इस बीच दूसरे सदस्य कार से बैग या लैपटॉप चोरी कर भाग जाते थे। पुलिस अब अभिषेक के एक और साथी मंगेश की तलाश कर रही है, जो इस गिरोह का हिस्सा है।

कार की डिक्की में रखा बैग

एसीपी ट्विंकल जैन ने लोगों से अपील की है कि जब भी वे अपनी कार से दूर जाएं, तो लैपटॉप या बैग जैसी कीमती वस्तुएं सीट पर छोड़ने के बजाय उन्हें डिग्गी में सुरक्षित रखें। शहर में कई गिरोह सक्रिय हैं,

जो कार का शीशा तोड़कर अंदर रखा सामान, विशेष रूप से लैपटॉप, चोरी करने में माहिर हैं। हाल ही में, सेक्टर-58 थाने की पुलिस ने ठक-ठक गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया था।

इनमें से एक बदमाश को पुलिस मुठभेड़ में गोली लगी थी, जबकि बाकी तीन को घेराबंदी कर पकड़ा गया था। पुलिस की यह कार्रवाई इस तरह की आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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