गुरुवार को अहमदाबाद के मेघाणी नगर क्षेत्र में एक बड़ा विमान हादसा हो गया। एयर इंडिया की फ्लाइट, जो लंदन (गैटविक) के लिए रवाना हुई थी, उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में कुल 242 यात्री सवार थे, जिनमें दो पायलट और 10 केबिन क्रू शामिल थे। हादसे की जानकारी मिलते ही दमकल की गाड़ियां और रेस्क्यू टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू कर दिया गया।
विमान हादसे पर सियासी बयानबाज़ी तेज़
इस गंभीर घटना के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने तीखा बयान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से इस्तीफे की मांग कर दी है। स्वामी ने अपने एक्स (ट्विटर) पोस्ट में 1950 के दशक की एक रेल दुर्घटना का हवाला देते हुए लिखा कि उस समय लाल बहादुर शास्त्री ने रेल मंत्री रहते हुए नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दिया था। इसी तर्ज पर मौजूदा मंत्रियों को भी पद छोड़ देना चाहिए, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
स्वामी ने कहा, “जो कुछ भी सरकार अब तक कर रही है, वह महज़ दिखावा है। इसे बंद होना चाहिए।”
मंत्री नायडू ने जताया दुख, खुद रवाना हुए अहमदाबाद
हादसे की जानकारी मिलते ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “अहमदाबाद में हुए विमान हादसे से बेहद दुखी हूं। सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है और मैं खुद स्थिति की निगरानी के लिए अहमदाबाद जा रहा हूं।”
उन्होंने आगे बताया कि आपातकालीन सेवाओं को तत्काल राहत कार्य के लिए लगाया गया है और घायलों को जरूरी चिकित्सा सहायता दी जा रही है।
राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी
एयर इंडिया की ओर से इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। डीजीसीए और विमानन मंत्रालय की टीमें जांच में जुटी हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।
When a train derailed in 1950s, Lal Bahadur Shashtri resigned. On the same morality I demand PM Modi, HM Amit Shah and Civil Aviation Naidu resign so that a free& fair inquiry is held. All that Modi and associates have been doing so far is galavanting which must stop must stop.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 12, 2025
शास्त्री जी का उदाहरण फिर चर्चा में
1956 में आंध्र प्रदेश के महबूबनगर में एक रेल हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। उस समय रेल मंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री ने इस दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालांकि प्रधानमंत्री नेहरू ने उन्हें इस्तीफा वापस लेने को कहा था। अब उसी मिसाल को दोहराते हुए स्वामी ने मौजूदा नेताओं से नैतिक जवाबदेही की मांग की है।