Ghaziabad Fraud News: गाजियाबाद में एक नया फ्रॉड सामने आया है। ठग लोगों को कॉल कर बताते हैं कि उनकी इंश्योरेंस पॉलिसी बंद हो रही है। घबराए लोग अपनी जानकारी शेयर कर देते हैं, जिससे फ्रॉडस्टर उनके खातों में सेंधमारी कर लेते हैं। इस तरह की कॉल्स आने पर सतर्क रहें और अपनी जानकारी न साझा करें।

गाजियाबाद: गाजियाबाद में इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी ने नोएडा की एक कंपनी में काम करते समय हजारों इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों का डेटा चुराया और फिर लोगों को ठगने के लिए इसका इस्तेमाल किया। आरोपी ने 9 राज्यों में 39 लोगों से 2 करोड़ रुपये ठग लिए हैं। अनुमान है कि पिछले 9 महीनों में इन ठगों ने करीब 10 करोड़ रुपये की ठगी की है। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि ऋषभ और सुमित को गिरफ्तार किया गया है।

ऋषभ, जो अपने परिवार के साथ गौड़ सिटी में किराए के फ्लैट में रह रहा था, के पास से पुलिस ने 4 मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, 4 सिम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया है। एडीसीपी ने बताया कि ठगों ने कौशांबी में एक महिला से 4 लाख रुपये और कविनगर में 1 लाख रुपये की ठगी की। ये ठग महिलाओं को कॉल करके उनकी पॉलिसी के लैप्स होने का झांसा देते थे और फिर रुपये ट्रांसफर करवा लेते थे। उन्होंने फर्जी रसीद भी दी थी, जिससे ठगी का खुलासा इंश्योरेंस कंपनी से जांच के बाद हुआ।

ठगी के तरीके कैसे होते थे धोखे

ऋषभ, जो केवल 10वीं पास है, ने बताया कि उसका दोस्त सुमित, जिसने बीसीए किया है, उसकी मदद करता था। ऋषभ सुमित को हर महीने 15 हजार रुपये देता था और उसे साथ ले जाता था। ऋषभ 9 महीने पहले HDFC LIFE के नोएडा ऑफिस में काम करता था, जहां उसने 1 लाख लोगों का डेटा चोरी किया। डेटा में पॉलिसी के साथ-साथ पीड़ित का नंबर, नॉमिनी और अन्य जानकारी शामिल थी। इसके बाद, ऋषभ और सुमित ने उस डेटा का उपयोग करके लोगों को कॉल किया और ठगी की।

ठग लोगों को कॉल करके बताते थे कि उनकी पॉलिसी लैप्स हो गई है और उन्हें नुकसान हो सकता है। फिर कॉल को मुंबई के हेड क्वार्टर से बताकर अपने साथी को ट्रांसफर कर देते थे। यहां लोगों से कुछ प्रीमियम जमा करने के लिए कहा जाता था। ठग झांसे में आने के बाद रुपये लेने के बाद एक फर्जी रसीद भी भेजते थे।

25% कमीशन पर लिया अकाउंट

इस ठगी के मामले में फहाद का नाम भी सामने आया है। फहाद का काम था ठगों को सिम और अकाउंट दिलवाना। वह वैशाली में आकर उन्हें सिम और अकाउंट की डिटेल्स प्रदान करता था, जिनमें ठगी से प्राप्त रुपये ट्रांसफर किए जाते थे। फहाद हर ठगी पर 25 फीसदी कमीशन लेता था। पुलिस का कहना है कि फहाद ने अन्य ठगों को भी सिम और अकाउंट दिलवाए हैं।

वीकेंड पर पहाड़ों में मजा

ऋषभ ने बताया कि वह सप्ताह में 5 दिन कॉल करते थे और शनिवार-रविवार को उत्तराखंड या हिमाचल घूमने चले जाते थे। उन्होंने घर पर एक इवेंट कंपनी चलाने का दिखावा किया था। कई बार सोमवार को गाजियाबाद नहीं लौटने पर, वह पहाड़ों में होटल से ही लोगों को कॉल करके ठगी करते थे। यह उनका नियमित तरीका था।

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