सोनू पंजाबन: सोनू पंजाबन, दिल्ली-एनसीआर में देह व्यापार के सबसे बड़े रैकेट की सरगना रही है। अंडरवर्ल्ड से उसके लंबे समय से संबंध थे। सोनू ने दो शादियां की, लेकिन उसके दोनों पति पुलिस के हाथों मारे गए। उसका एक प्रेमी भी था, जो पुलिस की गोली का शिकार हुआ।
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सोनू पंजाबन की सजा निलंबन की अर्जी खारिज कर दी। सोनू पंजाबन, जो दिल्ली-एनसीआर में देह व्यापार के रैकेट के लिए कुख्यात है, को 2020 में ट्रायल कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की को देह व्यापार में धकेलने के आरोप में 24 साल की सजा सुनाई थी। उसने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है और अपनी सजा को सुनवाई के दौरान निलंबित करवाना चाहती थी। इसी मामले में 20 साल की सजा काट रहे संदीप बेदवाल की सजा निलंबन की अर्जी भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।
सोनू पंजाबन, जिसका असली नाम गीता अरोड़ा है, दिल्ली-एनसीआर में देह व्यापार के सबसे बड़े रैकेट की सरगना रही है। 22 जुलाई 2020 को ट्रायल कोर्ट ने उसे एक नाबालिग लड़की को जबरन देह व्यापार में धकेलने के मामले में POCSO एक्ट के तहत दोषी ठहराया और 24 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि सोनू पंजाबन को सभ्य समाज में रहने का हक नहीं है और उसने महिला कहलाने की सारी सीमाएं पार कर दी हैं। सोनू पंजाबन के खिलाफ कई केस हैं, लेकिन यह पहला मामला है जिसमें उसे दोषी ठहराया गया और सजा दी गई।
गैंगस्टर से शादी और जुर्म की दुनिया में कदम
सोनू पंजाबन, जिनका असली नाम गीता अरोड़ा है, ने देह व्यापार की दुनिया में कैसे कदम रखा और उसका नाम कब बदला, यह जानने के लिए जब उसकी जिंदगी की जांच की गई, तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। सोनू का गैंगस्टर्स के साथ पुराना और गहरा रिश्ता था। 2003 में, विजय सिंह नाम के एक गैंगस्टर के साथ शादी करने के बाद, सोनू ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। हालांकि, उसी साल यूपी एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में विजय सिंह को ढेर कर दिया।
पुलिस मुठभेड़ में सोनू का प्रेमी दीपक मारा गया
विजय सिंह की मौत के बाद, सोनू पंजाबन की जिंदगी में दीपक नाम के एक और अपराधी की एंट्री हुई। दीपक कई जुर्म में शामिल था और पुलिस उसके पीछे थी। पहले दोनों की बातचीत शुरू हुई, जो धीरे-धीरे एक रिश्ते में बदल गई। हालांकि, दीपक भी असम में एक मुठभेड़ में पुलिस के हाथों मारा गया। इसके बाद सोनू का अफेयर दीपक के भाई हेमंत सोनू के साथ शुरू हुआ। कुछ समय बाद, हेमंत और सोनू ने शादी कर ली और साथ रहने लगे।
गीता अरोड़ा कैसे बनी सोनू पंजाबन?
हेमंत सोनू की मौत के बाद, सोनू पंजाबन की जिंदगी में एक और मोड़ आया। हेमंत को अप्रैल 2006 में दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर हुई मुठभेड़ में पुलिस ने मार डाला। इसके बाद गीता अरोड़ा ने अपने पति के सरनेम ‘सोनू’ के साथ अपना नाम बदलकर सोनू पंजाबन रख लिया और पूरी तरह देह व्यापार के धंधे में उतर गई।
साल 2007 में सोनू को पहली बार देह व्यापार के मामले में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसने जमानत ले ली। फिर, 2008 में उसे फिर से इसी आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। सोनू की मुश्किलें बढ़ गईं जब 2011 में उसके खिलाफ मकोका (मामले को संगठित अपराध कानून) लगाया गया।
सोनू पंजाबन के धंधे की जड़ें दूर-दूर तक फैली थीं
सोनू पंजाबन को लग्जरी लाइफ का शौक था, और इसी वजह से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। उसने धीरे-धीरे दूसरी लड़कियों को अपने धंधे में शामिल करना शुरू किया। उसका निशाना उन लड़कियों पर होता था, जो फिल्मों या मॉडलिंग की दुनिया में नाम कमाने के सपने लेकर घर छोड़ देती थीं।
सोनू इन लड़कियों को अपने नेटवर्क में शामिल कर उन्हें दूसरे राज्यों में भेजती थी। उसने कुछ लोगों को भी अपने ग्रुप में रखा था, जिनका काम था लड़कियों को सुरक्षित बाहर ले जाना और वापस लाना। उसके ग्राहक कई हाई-प्रोफाइल लोग भी थे।
क्या था मामला जिसमें मिली 24 साल की सजा?
सोनू पंजाबन को 24 साल की सजा उस केस के लिए सुनाई गई, जिसमें उसने एक नाबालिग लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया था। संदीप बेदवाल नाम के व्यक्ति ने इस लड़की को अगवा किया और सोनू को बेच दिया।
सोनू ने लड़की को खरीदकर कई दिनों तक बंधक बनाए रखा और उसे नशीली दवाइयों का सेवन करवा कर वेश्यावृत्ति कराई। कुछ समय बाद, सोनू ने इस नाबालिग को लखनऊ में अपने साथी लाला को बेच दिया। इस गंभीर मामले में सोनू की गिरफ्तारी हुई और उसे सजा सुनाई गई।
कोर्ट ने कहा, तुम्हें महिला कहलाने का भी हक नहीं
22 जुलाई 2020 को, सोनू पंजाबन को सजा सुनाते हुए ट्रायल कोर्ट ने कहा कि उसने न केवल एक नाबालिग लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए खरीदा, बल्कि उसे अपनी इच्छाओं के सामने झुकने पर मजबूर किया। कोर्ट ने सोनू के खिलाफ कहा कि उसने पीड़िता के साथ बेहद क्रूरता की और उसे नशीली दवाइयां दीं ताकि वह किसी भी ग्राहक का विरोध न कर सके।
कोर्ट ने यह भी कहा कि एक महिला के लिए दूसरी महिला की मर्यादा का अपमान करना अस्वीकार्य है। सोनू पंजाबन के अपराध इतने गंभीर थे कि उसे किसी भी तरह की छूट नहीं मिल सकती। कोर्ट ने कहा कि उसके लिए जेल ही सही जगह है और उसे सभ्य समाज में रहने का कोई हक नहीं है।