राजस्थान के सीकर जिले में “नेक्सा एवरग्रीन धोलेरा सिटी” के नाम से एक मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी बनाकर 70 हजार लोगों से ₹2700 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी नरेश काजला को पुलिस ने अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। काजला ने लोगों को धोखे में रखकर ₹136 करोड़ की जमीन और नकदी हड़प ली थी।

सीकर में बड़ा MLM घोटाला: राजस्थान पुलिस को सीकर में “नेक्सा एवरग्रीन धोलेरा सिटी” नामक मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी से जुड़े एक बड़े धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता मिली है। इस घोटाले में आरोपियों ने पांच राज्यों के करीब 70 हजार लोगों से ₹2700 करोड़ की ठगी की थी। अब पुलिस ने गैंग के खास सहयोगी, नरेश काजला, को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने हजारों पीड़ितों को बहला-फुसलाकर एफआईआर में राजीनामा करवाया और उनके नाम से 136 प्लॉट और बड़ी रकम हड़प ली। काजला को पुलिस की स्पेशल टीम ने अहमदाबाद की एप्पलवुड सोसायटी से गिरफ्तार किया।

ठगों को भी लगा चूना, 136 करोड़ की बड़ी धोखाधड़ी

नरेश काजला ने नेक्सा घोटाले में न सिर्फ पीड़ितों से केस वापस करवाने के लिए ठगों से पैसे और जमीन ली, बल्कि खुद भी बड़ा फायदा उठाया। कंपनी के जरिए भारी इन्वेस्टमेंट करवाते हुए, नरेश ने नेक्सा के ठगों और पीड़ितों दोनों को धोखा देकर करीब 136 करोड़ रुपए की जमीनें और नकदी हड़प ली थी।

पुलिस के अनुसार, नरेश काजला ने “नेक्सा एवरग्रीन धोलेरा सिटी” घोटाले के हजारों पीड़ितों को झांसा देकर केस वापस लेने और उनकी रकम या जमीन दिलवाने का वादा किया था। उसने धोलेरा सिटी के पास एक अन्य सोसाइटी के 136 प्लॉट्स पीड़ितों के लिए रखे थे, लेकिन उन प्लॉट्स को लगभग ₹136 करोड़ में बेच दिया। इस पैसे से नरेश ने अहमदाबाद में लग्जीरिया ग्रुप के साथ मिलकर प्रॉपर्टी खरीदी और वीआईपी सोसाइटी में ₹40 हजार महीने के किराए पर एक लग्जरी मकान लिया। उसने वहां 4 लाख रुपए का फर्नीचर भी खरीदा।

सेवानिवृत्ति के बाद विवादित जमीनों से कब्जे छुड़वाने का काम करता था

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद नरेश काजला विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का काम करता था। उसने नेक्सा में निवेश किया और अधिक कमीशन के लालच में कई लोगों को भी इस कंपनी में पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया। नरेश के खिलाफ पहले से ही धोखाधड़ी, प्लॉट और जमीन हड़पने के कई मामले दर्ज हैं।

सिमकार्ड, गाड़ी और मकान बदलते रहता था

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी नरेश काजला लंबे समय से फरार था। फरारी के दौरान, वह हर बार नया सिमकार्ड इस्तेमाल करता था और गुजरात, धोलेरा सिटी, जयपुर, झुंझुनू सहित कई राज्यों में घूमता रहा। नरेश हर 15 से 20 दिन में नया वाहन और नया मकान बदलता था। उसने अपनी पत्नी और जानकारों के नाम से भी अलग-अलग सिमकार्ड इस्तेमाल किए, और कुछ दिन बाद इन्हें बदलकर नए सिमकार्ड और मोबाइल का उपयोग करता था।

रजिस्टर्ड संस्था बनाकर पीड़ितों को फंसाकर समझौते करवाए

नेक्सा एवरग्रीन कंपनी के आरोपियों के भागने के दो महीने बाद, नरेश काजला ने 18 मार्च 2023 को “लोक नव निर्माण समिति” के नाम से एक नई संस्था रजिस्टर करवाई। इस संस्था के जरिए उसने पीड़ितों से समझौता करने का काम शुरू किया। पुलिस ने बताया कि नरेश और उसके साथियों ने पीड़ितों को झांसा देकर जमीन या पैसा दिलवाने का वादा किया और स्टांप पेपर पर फर्जी समझौते किए। लोक नव निर्माण समिति में अध्यक्ष रूघाराम, सचिव विनोद कुमार ढिल्लन, कोषाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश और सदस्य हरिप्रसाद सामोता, विधाधर, खुमान सिंह समेत कुल सात लोग शामिल थे।

महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार का आरोपी भी है नरेश

पुलिस के अनुसार, नरेश काजला, रूघाराम, विनोद ढिल्लन, जितेंद्र चौहान, ओमप्रकाश (ओपी) और विक्रम समेत अन्य ने भैंरूपुरा में मोहित के मकान में तोड़फोड़ की और महिलाओं से अभद्र व्यवहार किया। इस घटना के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास हैं। इस मामले में नरेश को छोड़कर बाकी सभी आरोपी फरार हैं।

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