बीपीसीएल का निजीकरण टला, सरकार ने बेचना किया रद्द
बीपीसीएल, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी है, को बेचने की सरकार की योजना अब रद्द कर दी गई है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जून में कहा था कि बीपीसीएल के निजीकरण की योजना अब खत्म हो गई है।
बीपीसीएल की बिक्री की योजना रद्द, सरकार को 2,413 करोड़ रुपये का डिविडेंड
केंद्र सरकार ने पहले भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) को बेचने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है। बीपीसीएल, जो इंडियन ऑयल के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी है, ने सरकार को 2,413 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया है। कंपनी की मुंबई, कोच्चि और मध्य प्रदेश में रिफाइनरीज हैं और यह रिफाइनिंग क्षमता में रिलायंस और इंडियन ऑयल के बाद तीसरी सबसे बड़ी है। चालू वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों ने अब तक 15,389.14 करोड़ रुपये का लाभांश सरकार को दिया है।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने सोमवार को बताया कि सरकार को बीपीसीएल से करीब 2,413 करोड़ रुपये का लाभांश मिला है। दीपम सचिव तुहिन कांत पांडेय ने सोशल मीडिया पर बताया कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक सरकारी कंपनियों से 15,389.14 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हो चुका है। इसमें इंडियन ऑयल से 5,091 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से 40 करोड़ रुपये, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से 554 करोड़ रुपये और टीसीआईएल से 3,443 करोड़ रुपये शामिल हैं।
डिविडेंड टारगेट कितना है?