मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर वायरल हुए अश्लील वीडियो के मामले में फंसे नेता मनोहर लाल धाकड़ को कोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत के बाद उन्होंने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी और खुद को निर्दोष बताया।

मनोहर लाल धाकड़ ने ‘आजतक’ से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, “वायरल वीडियो पूरी तरह फर्जी है। वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मैं नहीं हूं और जिस गाड़ी में यह घटना बताई जा रही है, वह भी मेरी नहीं है। मैंने वह गाड़ी काफी पहले बेच दी थी। यह सब मुझे बदनाम करने की साजिश है।”

गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई:
वीडियो सामने आने के बाद रविवार को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (सार्वजनिक अश्लीलता) और 286 (लापरवाही से खतरा पैदा करना) समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था। कोर्ट ने उनके वकील की दलीलों को सुनते हुए जमानत मंजूर कर ली।

जमानत से पहले 8 दिन तक भूमिगत रहने पर क्या बोले?:
जब धाकड़ से पूछा गया कि वह गिरफ्तारी से पहले आठ दिनों तक छिपे क्यों रहे, तो उन्होंने कहा, “जब पुलिस मेरी गाड़ी ले गई और वीडियो वायरल हुआ, तब मैं घबरा गया था। मेरी छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा था, इसलिए मैंने चुप रहना बेहतर समझा।”

बीजेपी ने झाड़ा पल्ला:
इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ा। वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति को लेकर दावा किया गया कि वह मनोहर लाल धाकड़ हैं। जब विवाद बढ़ा तो बीजेपी ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि मनोहर लाल पार्टी के सदस्य नहीं हैं, बल्कि उनकी पत्नी बीजेपी समर्थित जिला पंचायत सदस्य हैं।

ब्लैकमेलिंग का खुलासा:
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि मनोहर लाल को एक्सप्रेसवे पर काम करने वाले कुछ कर्मचारियों ने ब्लैकमेल किया था। आरोप है कि उनके पास सीसीटीवी फुटेज था और पैसे न मिलने पर उन्होंने वीडियो वायरल कर दिया। अब पुलिस इस एंगल की भी गंभीरता से जांच कर रही है।

अब आगे क्या?:
मनोहर लाल ने वीडियो में दिख रही महिला और गाड़ी से किसी भी तरह के संबंध से साफ इनकार किया है। पुलिस वायरल वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है और अन्य सबूत भी जुटाए जा रहे हैं।

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