नई दिल्ली: 54 साल की एक महिला, जिसे पहले सिर में दो गोलियां मारी गईं और इसके बाद चाकू से गर्दन पर वार किया गया। कातिल तसल्ली करना चाहता था कि बचने की कोई गुंजाइश ना रहे। लाश को इस तरीके से ठिकाने लगाया गया कि किसी को कातिल का सुराग तक ना मिल सके। लेकिन, जब पुलिस कत्ल की इस वारदात को सुलझाने निकली, तो एक और गुत्थी उलझी हुई मिली। दरअसल, जिस महिला का कत्ल हुआ, उसकी बेटी की हत्या भी 11 महीने पहले हो चुकी थी और दोनों का कातिल एक ही था।

तारीख थी 10 जुलाई 2023 और जगह नवी मुंबई का उरण इलाका। पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर बताया जाता है कि पिरकोन-सरदेगांव रोड पर एक महिला की लाश मिली है। पुलिस मौके पर पहुंचती है। महिला ने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी, लेकिन ज्वेलरी या कुछ और सामान नहीं था। उसके सिर में दो गोलियां लगी हुई मिलीं। गर्दन पर भी चाकू से वार किए गए थे।

चश्मे के कवर से कातिल तक पहुंची पुलिस

लाश के पास से उसकी पहचान से जुड़ा कोई सबूत तो नहीं मिलता, लेकिन कुछ दूरी पर चश्मे का एक कवर मिलता है। इस कवर पर डोंबिवली इलाके के एक ऑप्टिशियन का नाम और पता लिखा था। बिना वक्त गंवाए पुलिस की एक टीम इस ऑप्टिशियन के पास पहुंचती है और महिला का फोटो दिखाकर उसके बारे में पूछताछ करती है। पता चलता कि महिला का नाम भारती अंबोकर है और वह डोंबिवली की ही रहने वाली है।

बेटी से मिलने की जिद करती थी भारती

पुलिस इस महिला के घर पहुंचती है। महिला यहां अकेली रहती थी। आसपास के लोगों से पूछताछ में पता चलता है कि एक दिन पहले ही भारती अपनी शादीशुदा बेटी से मिलने के लिए अलीबाग के पॉयनड गई थी। भारती ने पड़ोसियों से ये भी कहा था कि बेटी से मिलाने के लिए उसे लेने उसका दामाद मयूरेश आ रहा है। पुलिस तुरंत भारती की कॉल डिटेल चेक करती है। इसमें आखिरी नंबर मयूरेश का ही था।

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