IAS अधिकारी बनना हर युवा का सपना होता है, लेकिन कुछ लोग इसे अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से हकीकत में बदलते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है उत्तराखंड की मुद्रा गैरोला की, जिन्होंने न केवल अपने पिता का सपना पूरा किया, बल्कि देशभर के युवाओं के लिए एक मिसाल बन गईं।

शिक्षा में शानदार उपलब्धियां
मुद्रा गैरोला का जन्म उत्तराखंड के चमोली जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से पूरी की। पढ़ाई के प्रति उनकी लगन इतनी गहरी थी कि उन्होंने 10वीं और 12वीं दोनों बोर्ड परीक्षाओं में टॉप किया। उनकी मेहनत और समर्पण का यह पहला कदम था, जो बाद में उन्हें आईएएस बनने की ओर ले गया।

 पिता का सपना पूरा करने का संकल्प
मुद्रा का परिवार शुरू से ही शिक्षा को बहुत महत्व देता था। उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी एक दिन IAS अधिकारी बने। अपने पिता के इस सपने को पूरा करने के लिए मुद्रा ने कड़ी मेहनत की और UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की। उनके इस सफर में उनके परिवार का समर्थन हमेशा उनके साथ रहा, खासकर उनके पिता का।

 यूपीएससी की तैयारी और संघर्ष
मुद्रा ने UPSC परीक्षा के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया। इस कठिन परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने कई रातें जागकर बिताईं और लगातार मेहनत करती रहीं। अपनी 10वीं और 12वीं की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।

उन्होंने UPSC परीक्षा के लिए रणनीतिक तरीके से पढ़ाई की और खुद को पूरी तरह से अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित किया। उनके दृढ़ निश्चय और मेहनत का नतीजा यह रहा कि उन्होंने UPSC परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की और देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित हो गईं।

 IAS बनने के बाद की ज़िम्मेदारियाँ
मुद्रा गैरोला अब एक IAS अधिकारी के रूप में देश की सेवा कर रही हैं। उनका मुख्य उद्देश्य समाज में बदलाव लाना और लोगों की समस्याओं का समाधान करना है। एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और समाज में अपनी सकारात्मक छाप छोड़ी है। उनकी कहानी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो।

 निष्कर्ष
मुद्रा गैरोला की कहानी यह साबित करती है कि अगर मन में दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का जज्बा हो, तो किसी भी सपने को हकीकत में बदला जा सकता है। उन्होंने न केवल अपने पिता का सपना पूरा किया, बल्कि पूरे देश के युवाओं को यह संदेश दिया कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता, अगर आप उसे पाने के लिए पूरी शिद्दत से मेहनत करें। आज मुद्रा गैरोला एक सफल IAS अधिकारी के रूप में देश की सेवा कर रही हैं, और उनकी यह यात्रा कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है।

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