दिल्ली में बारिश के मौसम में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में वायरल फीवर और बैक्टीरिया इंफेक्शन के केस बढ़ रहे हैं, और डेंगू-टाइफाइड भी चिंता का विषय है। डॉक्टरों ने इन बीमारियों से बचने के लिए कुछ उपयोगी सलाह दी है।

नई दिल्ली: अगस्त में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश हुई, जिससे कई समस्याएं पैदा हो गई हैं। इस मॉनसून के दौरान वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। डॉक्टरों ने टाइफाइड और डेंगू की समय पर जांच कराने की सलाह दी है। अस्पतालों में डेंगू, इंफ्लुएंजा, वायरल हेपेटाइटिस, चिकनगुनिया, और सांस की बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, टाइफाइड और लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों की भी रिपोर्ट्स आई हैं, जो दूषित पानी से फैलते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि कोविड के मामले भी सामने आ रहे हैं।

इन बीमारियों से कैसे बचें

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत के इंटरनल मेडिसिन के निदेशक डॉ. रोमेल टिक्कू ने बताया कि OPD में बुखार से आने वाले 70% मरीजों में डेंगू या फ्लू की पुष्टि हो रही है। कोविड के कुछ मामले भी देखे जा रहे हैं, खासकर विदेश यात्रा करने वाले लोगों में। डॉ. टिक्कू ने कहा कि टाइफाइड और डेंगू की समय पर जांच जरूरी है, ताकि इन बीमारियों को जल्दी पहचानकर इलाज किया जा सके। उन्होंने डेंगू के मरीजों को सलाह दी है कि वे सावधानी बरतें और खूब पानी पिएं, ताकि किसी गंभीर समस्या से बचा जा सके। इलाज में देरी होने पर ये बीमारियां जानलेवा भी हो सकती हैं।

सीनियर डॉक्टरों ने खास सलाह दी

AIIMS के प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने बताया कि इस समय आसपास के राज्यों में गंभीर मरीजों को आमतौर पर टाइफाइड, डेंगू, मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों में अस्पतालों में भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि मॉनसून के दौरान, खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में, लेप्टोस्पायरोसिस के मामले बढ़ जाते हैं। यह संक्रमण चूहों के यूरीन से दूषित पानी के संपर्क में आने से होता है।

इन बीमारियों के खतरनाक होने की वजहें जानें

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट की डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा ने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस के शुरुआती लक्षण हल्के होते हैं, जैसे बुखार, पेट दर्द, दस्त, और पीलिया। अगर इसका इलाज नहीं किया जाए, तो यह गंभीर समस्याओं जैसे निमोनिया, ब्रेन फीवर (मेनिन्जाइटिस), और मल्टी-ऑर्गन फेल्योर का कारण बन सकता है, इसलिए समय पर इलाज जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि भारी बारिश के दौरान मच्छरों के पनपने की जगहों में बढ़ोतरी के कारण डेंगू और चिकनगुनिया के मामले 30-45% तक बढ़ गए हैं।

जानिए किन बीमारियों के मामले इन दिनों ज्यादा बढ़ गए हैं

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के डॉ. सुरंजीत चटर्जी के मुताबिक, मॉनसून के मौसम में उच्च आर्द्रता की वजह से सांस की बीमारियों में भी बढ़ोतरी हो रही है। खराब जल निकासी वाले इलाकों में डेंगू, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, और टाइफाइड बुखार के मामले अधिक देखे जाते हैं। नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. गौरव जैन ने बताया कि मॉनसून के दौरान डेंगू के मामले 35% होते हैं, मलेरिया के 20%, चिकनगुनिया के 5-8%, वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के 35% से अधिक, और सांस की बीमारियों के 10% मामले होते हैं।

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