भारत का एक युवा क्रिकेटर है जो बल्लेबाजी में ‘हिटमैन’ रोहित शर्मा से भी ज्यादा खतरनाक है। हालांकि, 24 साल की उम्र में ही इस खिलाड़ी का इंटरनेशनल करियर खतरे में है। अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी के बावजूद, उसे लंबे समय से भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला है। चयनकर्ता उसे नजरअंदाज कर रहे हैं, जैसे उसे दूध से मक्खी की तरह निकाल दिया गया हो। इस खिलाड़ी की बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की झलक भी देखी जा सकती है।

इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी को चयनकर्ता नजरअंदाज कर रहे हैं

तूफानी बल्लेबाजी के माहिर ओपनर पृथ्वी शॉ को पिछले 3 साल से भारत के लिए एक भी इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। पृथ्वी शॉ ने यह साबित कर दिया है कि वह ‘हिटमैन’ रोहित शर्मा से भी ज्यादा खतरनाक हैं। 11 जनवरी 2023 को उन्होंने असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में 383 गेंदों पर 379 रन बनाकर सभी को चौंका दिया, जिसमें 49 चौके और 4 छक्के शामिल थे। हाल ही में, इंग्लैंड में वनडे कप टूर्नामेंट में उन्होंने नॉर्थैंट्स के लिए मिडलसेक्स के खिलाफ 58 गेंदों में 76 रन की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें 12 चौके और 1 छक्का था। इसके अलावा, डरहम के खिलाफ उन्होंने 16 चौकों और 1 छक्के से सजी 97 रन की पारी खेली।

मौके के इंतजार में बर्बाद हो रहा करियर

फॉर्म और टैलेंट से भरे पृथ्वी शॉ को टीम इंडिया में मौका नहीं मिल रहा, जो एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। उनकी बल्लेबाजी इतनी खतरनाक है कि गेंदबाज भी उनके सामने परेशान नजर आते हैं। शॉ अकेले दम पर मैच पलटने की क्षमता रखते हैं, लेकिन आखिरी बार उन्होंने 2021 में श्रीलंका दौरे पर वनडे और टी20 सीरीज में खेला था। उन्हें सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग का कॉम्बिनेशन माना जाता है, जिनके पास शानदार शॉट्स की कमी नहीं है।

अब तक, पृथ्वी शॉ ने 5 टेस्ट मैचों में 339 रन, 6 वनडे मैचों में 189 रन, और 79 IPL मैचों में 1892 रन बनाए हैं, जिसमें एक टेस्ट शतक भी शामिल है। फिर भी, उन्हें टीम इंडिया में जगह नहीं मिल पा रही है।

सचिन जैसे टैलेंटेड

पृथ्वी शॉ की शानदार बल्लेबाजी में वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर की झलक मिलती है। उनकी बैटिंग में सचिन और सहवाग का धमाकेदार कॉम्बिनेशन नजर आता है, जैसे वे शुरुआत से ही गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे। पूर्व कोच रवि शास्त्री भी मानते हैं कि पृथ्वी शॉ में सहवाग, सचिन, और लारा की खासियत दिखाई देती है। पृथ्वी शॉ बिना किसी डर के रन बनाते हैं और अगर उन्हें ज्यादा मौके मिलें, तो वह दुनिया के किसी भी कोने में रन बना सकते हैं।

टीम इंडिया का भविष्य पृथ्वी शॉ

सेलेक्टर्स पृथ्वी शॉ जैसे शानदार ओपनर को यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल की वजह से नजरअंदाज कर रहे हैं। लेकिन पृथ्वी शॉ आज के सबसे खतरनाक युवा बल्लेबाजों में से एक हैं। जब रोहित शर्मा संन्यास लेंगे, तो टीम इंडिया को एक नए ओपनर की जरूरत पड़ेगी, और पृथ्वी शॉ इस भूमिका को बखूबी निभा सकते हैं। फिलहाल यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल के चलते सेलेक्टर्स को पृथ्वी शॉ की जरूरत नहीं दिख रही है, लेकिन उनकी बल्लेबाजी ने हर किसी का दिल जीत लिया है।

वर्ल्ड कप विनर कप्तान

फिलहाल, सेलेक्टर्स यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल को टीम में मौका दे रहे हैं, जबकि पृथ्वी शॉ को नजरअंदाज किया जा रहा है। शुभमन गिल 2018 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में खेल चुके हैं। शॉ ने उसी साल इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया और अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप जीतने के बाद कई शानदार पारियां भी खेलीं। अब, शॉ को टीम इंडिया से साइड कर दिया गया है।

वनडे क्रिकेट की तरह खेलते हैं टेस्ट क्रिकेट

पृथ्वी शॉ ने भारत के लिए सभी तीनों फॉर्मेट्स में क्रिकेट खेली है, लेकिन अब उनकी जगह हर जगह छिन गई है। उन्होंने 5 टेस्ट मैचों में 339 रन, 6 वनडे मैचों में 189 रन और 1 टी20 मैच खेला है जिसमें वह खाता भी नहीं खोल पाए। IPL में उन्होंने 79 मैचों में 1892 रन बनाए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में, उन्होंने 52 मैचों में 4346 रन, 13 शतक और 17 अर्धशतक लगाए हैं, और उनका बेस्ट स्कोर 379 रन है। शॉ एक आक्रामक बल्लेबाज हैं जो टेस्ट क्रिकेट को भी वनडे की तरह खेलते हैं।

 

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