यह घटना बेहद गंभीर और चिंता का विषय है। तीन साल के बच्चे के अपहरण और उसे बेचने के आरोप में विशंभर चौधरी का नाम सामने आना बहुत ही परेशान करने वाला है। बच्चे की मां, सोनम शर्मा द्वारा उठाए गए कदम और पुलिस से मदद की गुहार लगाना इस स्थिति में आवश्यक है।

पुलिस को सोनम शर्मा की शिकायत की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। विशंभर चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके उसकी गिरफ्तारी के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए।

पुलिस को आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित करने की आवश्यकता है। इसमें विशेष रूप से बच्चे के अपहरण और बिक्री से जुड़े साक्ष्य शामिल होने चाहिए।

बच्चे की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। पुलिस को हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि अयान शर्मा को जल्द से जल्द सुरक्षित बरामद किया जा सके।

विशंभर चौधरी, सुनील शर्मा और अन्य संभावित संलिप्त व्यक्तियों से पूछताछ कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।

सोनम शर्मा और उसके परिवार को सुरक्षा और कानूनी सहायता प्रदान करना भी आवश्यक है, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और परिवार सुरक्षित रह सके।

जुलाई में परिवार संग कानपुर से दरभंगा आई थी  

इस नई जानकारी से मामला और भी स्पष्ट हो गया है। सोनम शर्मा और उनके परिवार का दरभंगा में विशंभर चौधरी के घर आना, जो जुलाई महीने में हुआ, इस घटना की पृष्ठभूमि को समझने में मदद करता है।

विशंभर ने सोनम और उनके परिवार को दरभंगा स्थित श्यामा मंदिर में दर्शन के लिए बुलाया था, जिससे यह प्रतीत होता है कि उसने उन्हें किसी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया था। यह निमंत्रण, जो कि एक संभावित छल हो सकता है, ने उनकी यात्रा का आधार बना।

सोनम और उनका परिवार कानपुर से दरभंगा आकर विशंभर चौधरी के घर ठहरा। यह यात्रा विशंभर की मित्रता और निमंत्रण पर आधारित थी। इस प्रकार की यात्रा अक्सर किसी भरोसेमंद व्यक्ति की पेशकश पर की जाती है, जो इस मामले में दुर्भाग्यपूर्ण हो गया।

 

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