उधम सिंह नगर। किच्छा के किसानों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। 18 दिनों से धान खरीद बंद होने के कारण किसानों में भारी आक्रोश है। सोमवार को दरऊ गांव के एक किसान ने गुस्से में अपनी ही फसल को आग के हवाले कर दिया। हालांकि आसपास मौजूद किसानों ने आग बुझाकर बड़ा नुकसान होने से बचा लिया।

ग्राम दरऊ निवासी चंद्रपाल की बेटी की शादी 15 दिन बाद है। शादी के खर्चों के लिए उन्हें पैसों की सख्त जरूरत थी, लेकिन मंडी में धान न बिक पाने से वे निराश थे। चंद्रपाल का कहना है कि एक महीने से मंडी का चक्कर लगा रहे हैं, मगर केंद्र प्रभारी बार-बार लिमिट खत्म होने की बात कहकर खरीद से इंकार कर रहा है। इससे परेशान होकर उन्होंने मंडी में ही अपने धान में आग लगा दी।
घटना के बाद किसानों ने एसडीएम गौरव पांडे के कार्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया और धान की खरीद फिर से शुरू करने की मांग की। किसानों का कहना है कि लगभग 4500 क्विंटल धान खरीदे जाने के बाद केंद्र प्रभारी ने खरीद बंद कर दी, जबकि अभी भी मंडी में हजारों क्विंटल धान पड़ा हुआ है।
किसान फरहाद खान, अमजद खान, जुबैर खान, आदिल खान, अफसर अली खान समेत कई किसानों ने बताया कि वे रोज मंडी पहुंचते हैं, मगर तौल का काम बंद पड़ा है। ऐसे में उनकी मेहनत की फसल खराब होने की कगार पर है।
वहीं, कारगिल युद्ध में देश की सेवा कर चुके गुरनाम सिंह भी पिछले 20 दिनों से अपने 70 क्विंटल धान की तौल का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सीमा पर लड़ाई लड़ी, अब अपनी फसल बेचने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है।”
बताया गया कि किच्छा मंडी में इस समय 500 क्विंटल से ज्यादा धान खरीद के इंतजार में रखा हुआ है। पंतनगर के किसान दिनेश मंडल ने तंग आकर अपना 900 क्विंटल धान 1910 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर व्यापारी को बेच दिया।
एसडीएम गौरव पांडे ने कहा कि किसानों की समस्या आरएफसी विभाग को भेज दी गई है और जैसे ही लिमिट बढ़ाई जाएगी, धान खरीद प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी जाएगी।
