6 साल छोटे प्रेमी के चक्कर में हैवान बनी मां, छीन ली अपनी ही बेटी की सांसें… पर 3 शब्दों ने खोल दी कहानी यह कहानी एक ऐसी मां की है, जिसने अपनी बेटी की जिंदगी को खत्म कर दिया, केवल एक पुरुष के प्यार के लिए। लेकिन जब पुलिस ने इस मामले की जांच की, तो कुछ ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जिन्होंने पूरी कहानी को एक नया मोड़ दिया। तीन छोटे शब्दों ने इस हत्या के रहस्य को खोल दिया, और यह साबित कर दिया कि कभी-कभी इंसान का प्यार ही सबसे खतरनाक हथियार बन सकता है।
कहानी की शुरुआत
यह कहानी एक सामान्य परिवार से जुड़ी हुई थी। दिल्ली के एक उपनगर में रहने वाली 32 साल की महिला, सिमा (बदला हुआ नाम), अपने पति और 8 साल की बेटी, साक्षी के साथ एक शांत जीवन बिता रही थी। लेकिन सिमा की ज़िंदगी में एक मोड़ आया जब उसकी मुलाकात एक 26 साल के युवक से हुई, जो उससे छह साल छोटा था।
शुरुआत में सब कुछ सामान्य था, लेकिन फिर धीरे-धीरे सिमा और उस युवक के बीच दोस्ती बढ़ी और वह दोस्ती प्यार में बदल गई। सिमा ने अपने पति और बेटी से अपनी भावनाओं को छिपाए रखा और इस रिश्ते को गुपचुप तरीके से जारी रखा।
मां की नफरत और बर्बरता
सिमा के इस नए रिश्ते में उसके पति की कोई भूमिका नहीं थी, और वह उसे पूरी तरह से नज़रअंदाज़ करने लगी। उसकी पूरी दुनिया अब उस युवक के आसपास घूमने लगी थी। लेकिन सिमा का यह प्यार उसे अंधा कर चुका था। उसने अपनी बेटी को भी अपने रास्ते की रुकावट के रूप में देखना शुरू कर दिया।
अब, सिमा ने अपनी बेटी को तंग करना शुरू कर दिया था। वह लगातार अपनी बेटी को डांटती और उसे घर के कामों में व्यस्त रखती थी। उसकी मां के गुस्से और तंग करने के कारण साक्षी डरी-डरी सी रहने लगी थी। वह मां के पास प्यार और सुरक्षा की उम्मीद करने की बजाय अपनी मां से दूर रहने की कोशिश करती थी।
सिमा ने अपनी बेटी को और भी अधिक नजरअंदाज करना शुरू कर दिया था, और एक दिन जब उसकी बेटी ने उसे किसी बात पर टोक दिया, तो सिमा की घृणा और गुस्से का तूफान फट पड़ा।
वह गुस्से में पागल हो गई और अपनी बेटी को बेरहमी से मार डाला। यह किसी फिल्मी कहानी की तरह सुनने में लगता है, लेकिन यह एक खौ़फनाक हकीकत थी। सिमा ने अपनी बेटी के जीवन को खत्म कर दिया, केवल इस वजह से कि उसकी बेटी उसके नए प्रेमी के रास्ते में आ रही थी।
3 शब्दों ने खोल दी कहानी
पुलिस ने साक्षी की हत्या की जांच शुरू की, लेकिन जब उन्होंने सिमा से पूछताछ की, तो यह मामला और भी उलझ गया। सिमा बार-बार अपनी बेटी की मौत को एक दुर्घटना या हादसा कहने की कोशिश करती रही। लेकिन फिर, एक दिन, सिमा ने अपनी बेटी के शव के पास तीन शब्द कहे जो पूरी कहानी को उजागर कर गए।
पुलिस की पूछताछ के दौरान, सिमा अचानक बोली, “उसे फिर से आने दो।” इन तीन शब्दों ने पूरी घटना की परतें खोल दीं। सिमा का इशारा यह था कि उसने अपनी बेटी को जानबूझकर मारने के बाद, उसकी आत्मा को फिर से अपने पास लाने की कोशिश की थी, ताकि वह अपने प्रेमी के सामने अपनी स्थिति को स्पष्ट कर सके।
ये तीन शब्द जैसे एक खुले राज की तरह थे। पुलिस ने इन्हीं शब्दों के आधार पर और भी गहराई से जांच की और पाया कि सिमा अपने प्रेमी को पूरी तरह से खुश रखने के लिए अपनी बेटी की हत्या करने के लिए तैयार थी। उसके लिए यह रिश्ता इतना महत्वपूर्ण बन चुका था कि उसने अपनी बेटी की ज़िंदगी को साइड कर दिया।
मां का प्यार या सख्त फैसला?
क्या यह सच में सिमा का प्यार था या फिर एक खौ़फनाक फैसला? सिमा का यह कदम उसके दिल में गहरे आत्मनिर्भरता और मोह के जुनून को दर्शाता है। प्यार में अंधी हुई मां ने अपनी बेटी को इस कदर नफरत दी कि उसे अपनी ही संतान का जीवन खत्म करना पड़ा।
सिमा ने अपनी बेटी की हत्या इस विश्वास के साथ की कि उसके प्रेमी के बिना वह अपने जीवन का कोई उद्देश्य नहीं देख पा रही थी। उसने यह मान लिया था कि यदि वह अपने प्रेमी को खुश नहीं रख पाई तो उसकी ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं है। यही सोच उसे इस नफरत और हिंसा तक ले गई।
मां और बेटी का रिश्ता
यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि मां-बेटी का रिश्ता कितना महत्वपूर्ण होता है। इस रिश्ते में बेतहाशा प्यार और सुरक्षा की भावना होती है, लेकिन जब इस रिश्ते में अविश्वास, गुस्सा, और नफरत समा जाती है, तो वह रिश्ता नष्ट हो जाता है। सिमा के लिए अपनी बेटी के जीवन से ज्यादा अपने प्रेमी का प्यार महत्वपूर्ण हो गया। उसने अपने परिवार और बेटी को पूरी तरह से त्याग दिया और उसकी हत्या कर दी। यह एक ऐसी मानसिकता का परिणाम था जो परिवार, प्यार और रिश्ते की जटिलताओं को नहीं समझ पाई।