यह सुनकर अच्छा लगा कि कुमाऊं के आशीष जोशी, वैभव कांडपाल और पंकज भट्ट ने पीसीएस 2021 की मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त की है

 

 

यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। क्या आप इनकी तैयारी के बारे में कुछ और जानना चाहेंगे या इनके अनुभवों को साझा करना चाहेंगे

आशीष जोशी का यह सफर वास्तव में प्रेरणादायक है। फैशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन के बाद फैशन उद्योग में सफलता के बावजूद उन्होंने जनसेवा की दिशा में कदम बढ़ाया, यह उनके व्यापक दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारी का संकेत है।

पीसीएस 2021 में टॉप करने की उनकी उपलब्धि उनके पिछले अनुभव और कड़ी मेहनत का नतीजा है। उनके द्वारा यूपी, उत्तराखंड की लोअर पीसीएस और उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी भर्ती में सफलता प्राप्त करना उनकी समर्पण और परिश्रम का प्रमाण है।

क्या आपको आशीष जोशी के बारे में और जानकारी चाहिए, या उनकी सफलता की यात्रा से संबंधित कोई अन्य विवरण चाहिए

आशीष जोशी का परिवार भी विविधता और सफलता से भरा हुआ लगता है। उनके पिता, केसी जोशी, बिजली विभाग में जेई के पद से सेवानिवृत्त हैं, और उनकी मां, पुष्पा जोशी, एक गृहिणी हैं।

उनकी चार बहनें भी विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर चुकी हैं:

  • सबसे बड़ी बहन एक गृहिणी हैं।
  • एक बहन असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
  • एक बहन ग्राम विकास अधिकारी हैं।
  • एक बहन सेना में मेजर हैं।

आशीष की पत्नी डॉक्टर हैं, जो परिवार की शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी योगदान देती हैं।

आशीष जोशी का सफर वास्तव में प्रेरणादायक है। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) मुंबई से फैशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन किया और इसके बाद चार साल तक फैशन उद्योग में काम किया। हालांकि, उनकी दिली इच्छा जनसेवा की थी, जो उन्हें उत्तराखंड की ओर खींच लाई।

उनके माता-पिता की इच्छा और उनकी बहन का समर्थन भी उनके फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। बहन की सिविल सेवा की तैयारी और प्रोत्साहन ने उन्हें प्रेरित किया। पीसीएस-2016 की प्री परीक्षा पास करने के बाद, उन्होंने पीसीएस की तैयारी में पूरी तरह से जुट जाने का निर्णय लिया।

उन्होंने पहले लोअर पीसीएस में 12वीं रैंक हासिल की और नायब तहसीलदार बने। इसके बाद, पीसीएस-2021 में टॉप करके डिप्टी कलेक्टर की पदवी प्राप्त की। इससे पहले, उन्होंने उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी परीक्षा पास की थी और यूपी लोअर पीसीएस की परीक्षा 2022 में भी सफलता प्राप्त की थी, हालांकि उन्होंने ज्वाइन नहीं किया।

आशीष की यह यात्रा उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण, और मजबूत इच्छाशक्ति का स्पष्ट उदाहरण है। उनके परिवार का समर्थन और उनके द्वारा चुने गए पेशेवर रास्ते की विविधता इस बात को प्रमाणित करती है कि सही दिशा और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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