भतियों में नकल माफिया की सक्रियता के कारण युवाओं का विश्वास परीक्षा प्रणालियों पर हिल गया था। इस स्थिति ने विशेषकर उन उम्मीदवारों को निराश किया जो मेहनत और ईमानदारी से परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।

हालांकि, इस बार पीसीएस परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों ने यह विश्वास जताया है कि कानून और परीक्षा प्रणाली ने उनके पात्रता और योग्यता के आधार पर सफल होने की गारंटी दी। यह सकारात्मक संकेत है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता आ रही है, जो मेहनती और योग्य उम्मीदवारों के लिए आशा की किरण है।

इस प्रकार की सफलता यह भी दर्शाती है कि सुधारात्मक कदम और ईमानदारी से किए गए प्रयासों से परीक्षा प्रणाली को लेकर लोगों का विश्वास वापस आ सकता है। ऐसे संकेत न केवल अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणादायक होते हैं बल्कि परीक्षा और चयन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए भी आवश्यक हैं।

प्रदेश में सख्त नकलरोधी कानून लागू होने के बाद युवाओं का अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग की भर्तियों पर भरोसा बढ़ने लगा है। पहले नकल माफिया और पेपर लीक से सरकारी नौकरियों में चयन पर युवाओं का विश्वास टूट गया था, लेकिन अब भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी कम हुई है।

प्रदेश सरकार को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग की कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक के कारण चयन प्रक्रिया रद्द करनी पड़ी। इस समस्या से निपटने के लिए, सरकार ने देश भर में सबसे सख्त नकलरोधी कानून लागू किया, जिसमें पेपर लीक पर उम्र कैद या 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

सख्त नकलरोधी कानून के तहत, पेपर लीक करने वालों पर 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और उम्र कैद या 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही,

अभ्यर्थियों पर नकल के जरिए परीक्षा पास करने पर 10 साल का प्रतिबंध भी लगाया गया है। पीसीएस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों ने इस कानून के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया, जो देश में सबसे पहले लागू हुआ है।

विद्यार्थियों से बातचीत

मैं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहूंगी, जिनकी पहल से नकल विरोधी कानून लागू हुआ। इस कानून के चलते प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ी है, जो हमारे लिए एक बड़ा कदम है। इससे हमें सही और ईमानदारी से सफलता पाने में मदद मिल रही है।

मैं बीटेक की छात्रा रही हूँ और अब डीएसपी के पद पर चयनित हुई हूँ। इस सफलता के पीछे सख्त नकल विरोधी कानून का बड़ा हाथ है, जो मुख्यमंत्री की पहल पर लागू हुआ। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है। सभी अभ्यर्थियों को सलाह है कि वे निश्चिंत होकर मेहनत करें और पढ़ाई में पूरी तरह से जुट जाएं।

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