दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों में एक साल की सर्विस बॉन्ड पॉलिसी लागू की गई है, जिसका डॉक्टर्स एसोसिएशन ने विरोध किया है. डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि यह पॉलिसी डॉक्टर्स के लिए अन्यायपूर्ण है और इससे उनके करियर पर असर पड़ेगा.

क्या है एक साल की सर्विस बॉन्ड पॉलिसी?

एक साल की सर्विस बॉन्ड पॉलिसी के तहत, मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को एक साल के लिए सरकारी अस्पतालों में काम करना होगा. अगर वे इस पॉलिसी का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें जुर्माना देना होगा. डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि यह पॉलिसी डॉक्टर्स के लिए अन्यायपूर्ण है और इससे उनके करियर पर असर पड़ेगा.

डॉक्टर्स एसोसिएशन का विरोध

डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस पॉलिसी का विरोध किया है और कहा है कि यह पॉलिसी डॉक्टर्स के लिए अन्यायपूर्ण है. डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि डॉक्टर्स को अपने करियर के लिए स्वतंत्रता होनी चाहिए और उन पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए.

क्या है सरकार का कहना?

सरकार का कहना है कि यह पॉलिसी डॉक्टर्स के लिए लाभकारी है और इससे सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी को पूरा किया जा सकेगा. सरकार का कहना है कि डॉक्टर्स को एक साल के लिए सरकारी अस्पतालों में काम करना होगा, जिससे वे अपने करियर की शुरुआत कर सकें.

क्या है डॉक्टर्स का कहना?

डॉक्टर्स का कहना है कि यह पॉलिसी उनके लिए अन्यायपूर्ण है और इससे उनके करियर पर असर पड़ेगा. डॉक्टर्स का कहना है कि वे अपने करियर के लिए स्वतंत्रता होनी चाहिए और उन पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए.

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