उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र चंपावत से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसने सबका ध्यान खींचा है। यहां ग्राम प्रधान पद पर हार चुकी प्रत्याशी काजल बिष्ट को गलती से विजेता घोषित कर दिया गया, लेकिन जब उन्हें इसका एहसास हुआ तो उन्होंने प्रमाणपत्र लेने से इनकार कर दिया।

तीन वोटों से हारी, फिर भी घोषित हो गई विजेता

तरकुली ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान पद के लिए हुए चुनाव में सुमित को 106 और काजल बिष्ट को 103 वोट मिले थे। इसके बावजूद चुनाव अधिकारियों की गलती से काजल को विजेता घोषित कर दिया गया। जब यह परिणाम काजल को बताया गया तो उन्होंने खुद ही इसे स्वीकारने से मना कर दिया और कहा कि उन्हें सुमित से कम वोट मिले हैं, इसलिए वे प्रमाणपत्र लेने की हकदार नहीं हैं।

SDM कोर्ट का हस्तक्षेप, फिर होगी मतगणना

मामला सुलझता न देख काजल बिष्ट ने उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य की अदालत में आपत्ति दर्ज कराई। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव अधिकारी को 30 दिन के भीतर दोबारा मतगणना कराने के आदेश दिए हैं। अब इस पंचायत चुनाव में दोबारा मतगणना की तारीख तय की जाएगी।

ईमानदारी की हो रही जमकर तारीफ

काजल बिष्ट के इस ईमानदार कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। लोग उन्हें “लोकतंत्र की सच्ची प्रतिनिधि” बता रहे हैं और उनके नैतिक निर्णय को सराहनीय बता रहे हैं।

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