एफएनएन, दिल्ली : मुंबई आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा 166 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान के सरकारी तत्वों की भूमिका को उजागर करेगा। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक को भारत लाने के लिए कई एजेंसियों की एक टीम अमेरिका में हैं। यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम राणा के प्रत्यर्पण को रोकने के आखिरी प्रयास के कुछ दिन बाद हुआ है, जहां अमेरिका के शीर्ष कोर्ट ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया।

मुंबई आतंकी हमले के आरोपी राणा को लॉस एंजिलिस में एक महानगर हिरासत केंद्र में रखा गया था। उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड में से एक है। फरवरी में व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि उनके प्रशासन ने ‘दुनिया के सबसे बुरे व्यक्ति’ राणा को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है।

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से जांच एजेंसियों को 26/11 के हमलों के पीछे पाकिस्तानी सरकारी तत्वों की भूमिका को उजागर करने में मदद मिलेगी और जांच पर नई रोशनी पड़ सकती है। प्रत्यर्पित किए जाने के बाद, राणा को कानूनी औपचारिकताओं के बाद शुरू में एनआईए की हिरासत में रखा जा सकता है।

उधर, मुंबई में 2008 में आतंकवादी हमलों में शहीद हुए एसआरपीएफ कांस्टेबल के पिता ने आरोपी तहव्वुर राणा के लिए मृत्युदंड की मांग की। शहीद एसआरपीएफ कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता सुभाष शिंदे ने कहा कि हमले के सभी दोषियों को कड़ी सजा देना आतंकवादी हमले में मारे गए पुलिस अधिकारियों और नागरिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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