‘साहित्य सुरभि’ की 371वीं मासिक काव्य गोष्ठी में बही हास्य-व्यंग, भक्ति, ओज और राष्ट्रप्रेम की मंदाकिनी
बेहद ही खूबसूरत और सटीक काव्यमय संचालन कर रहे चर्चित ग़ज़लकार और कवि राज मिश्र 'ग़ज़लराज' की यह सम-सामयिक ग़ज़ल भी खूब सराही गई- ज़िन्दगी में सिर्फ झंझावात हैं कुछ…