मुक्ति कब मिल पाएगी हिंदुत्व को इस व्याकरण से?
बरेली में ‘साहित्य सुरभि’ की 373वीं मासिक काव्य गोष्ठी में कवियों ने कभी हंसाया-गुदगुदाया, कभी जगाया तो कभी चेताया भी, सबने बटोरीं खूब तालियां और वाहवाही फ्रंट न्यूज नेटवर्क ब्यूरो,…
बरेली में ‘साहित्य सुरभि’ की 373वीं मासिक काव्य गोष्ठी में कवियों ने कभी हंसाया-गुदगुदाया, कभी जगाया तो कभी चेताया भी, सबने बटोरीं खूब तालियां और वाहवाही फ्रंट न्यूज नेटवर्क ब्यूरो,…
गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड 'धीर' ने की। मुख्य अतिथि गजेन्द्र सिंह और विशिष्ट अतिथि-राम कुमार भारद्वाज अफ़रोज़' रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि-पत्रकार गणेश…
बेहद ही खूबसूरत और सटीक काव्यमय संचालन कर रहे चर्चित ग़ज़लकार और कवि राज मिश्र 'ग़ज़लराज' की यह सम-सामयिक ग़ज़ल भी खूब सराही गई- ज़िन्दगी में सिर्फ झंझावात हैं कुछ…