मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान मामले में सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार मिली है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। लेकिन वहां जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन.के. सिंह की बेंच ने शाह के रवैये पर सवाल उठाए और उनकी माफी को ‘मगरमच्छ के आंसू’ बताया।

कोर्ट ने पूछा: आपकी माफी दिखावा तो नहीं?

सुनवाई के दौरान मंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने बताया कि शाह ने माफी मांगी है। इस पर कोर्ट ने तीखा सवाल करते हुए कहा, “वो माफी कहां है और कैसी है?” जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “माफी का भी एक मतलब होता है। कई बार लोग मुश्किल से बचने के लिए दिखावटी माफी मांगते हैं – जैसे मगरमच्छ के आंसू। आपकी माफी किस भावना से मांगी गई है, हम ये जानना चाहते हैं।”

Armed Forces पर बयान को लेकर सख्ती

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एक वीडियो क्लिप है, जिसमें आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग हुआ। लेकिन कुछ समय बाद व्यक्ति खुद को रोक लेता है – यही ज़िम्मेदारी होती है। खासकर जब मामला सेना या देश की रक्षा से जुड़ा हो, तब बोलने से पहले सोचना ज़रूरी होता है। अदालत ने यह भी कहा कि पूरा देश ऐसे बयानों से शर्मिंदा है।

SIT करेगी मामले की जांच, गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक

कोर्ट ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के आदेश दिए हैं। तीन सदस्यीय टीम FIR की जांच करेगी और सुप्रीम कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी। कोर्ट ने साफ किया कि फिलहाल विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी, लेकिन उन्हें जांच में पूरी तरह सहयोग करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

जस्टिस कांत ने कहा, “आप कोर्ट में आकर माफी मांग रहे हैं, क्या ये सिर्फ खुद को बचाने की कोशिश है? अगर ऐसा है तो ये रवैया बिल्कुल गलत है। न्यायालय किसी से भेदभाव नहीं करता, लेकिन न्याय की गरिमा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।”

अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 मई को होगी, जब SIT जांच की रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखेगी।

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