बदायूं जिले के तहसील बिल्सी क्षेत्र के सिमर्रा भोजपुर गांव के ग्रामीण पिछले 192 घंटों से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। इस स्थिति से परेशान होकर, ग्रामीण शनिवार को डीएम के संपूर्ण समाधान दिवस पर बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए।

ग्रामीणों ने डीएम से अपनी बिजली की समस्या के समाधान की गुहार लगाई और उनके सामने अपनी परेशानियों को उजागर किया। यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि बिजली की अनुपलब्धता से न केवल दैनिक जीवन प्रभावित होता है बल्कि अन्य आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति भी बाधित होती है।

डीएम और संबंधित अधिकारियों से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है ताकि ग्रामीणों को जल्द ही राहत मिल सके। ऐसे मामलों में अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है कि वे त्वरित और प्रभावी समाधान प्रदान करें ताकि जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

बदायूं जिले के तहसील बिल्सी क्षेत्र के सिमर्रा भोजपुर गांव के ग्रामीण पिछले 192 घंटों से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। इस लंबी असुविधा के चलते, शनिवार को ग्रामीण बड़ी संख्या में डीएम के संपूर्ण समाधान दिवस पर तहसील बिल्सी पहुंचे।

डीएम निधि श्रीवास्तव और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह के तहसील परिसर में पहुंचने के दौरान, ग्रामीणों ने अपनी बिजली समस्या को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। दर्जनों ग्रामीण बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी समस्याओं का समाधान मांग रहे थे।

ग्रामीणों ने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर विरोध जताया, और डीएम से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। इस स्थिति ने एक गंभीर सार्वजनिक असंतोष को उजागर किया है, और अधिकारियों के सामने यह चुनौती है कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालें ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।

ग्रामीणों ने डीएम निधि श्रीवास्तव को सूचित किया कि उनके गांव, सिमर्रा भोजपुर, में पिछले आठ दिनों से बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है, जिससे पूरे गांव की बत्ती गुल हो गई है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए, वहां मौजूद अधिकारियों ने तुरंत ग्रामीणों के पास जाकर स्थिति का जायजा लिया और बिजली सप्लाई समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।

हालांकि, ग्रामीण अपनी समस्या को सीधे डीएम से मिलकर समाधान करने की जिद पर अड़े हुए थे। उन्होंने इस मुद्दे को सीधे तौर पर डीएम के समक्ष प्रस्तुत किया और तत्काल समाधान की मांग की। ग्रामीणों का गुस्सा और उनकी जिद इस बात को दर्शाती है कि उन्हें इस समस्या से बहुत अधिक परेशानी हो रही है और वे इसका त्वरित समाधान चाहते हैं।

यह स्थिति अब अधिकारियों के लिए एक चुनौती है कि वे ग्रामीणों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करें और सुनिश्चित करें कि बिजली की आपूर्ति शीघ्र पुनः बहाल हो।

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