एफएनएन, भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के बीच पाक पीएम शहबाज शरीफ ने शांति वार्ता की पेशकश की है. यह बयान 10 मई को हुए सीजफायर समझौते के बाद आया है, जो पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में हुआ था. भारत ने वार्ता से पहले आतंकवाद खत्म करने की शर्त रखी है.

भारत और पाकिस्तान के बीच बीते कुछ हफ्तों से जारी सैन्य तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार, 15 मई को शांति वार्ता को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति की दिशा में बातचीत के लिए तैयार है.

यह बयान उस समय आया है जब दोनों देशों ने 10 मई, 2025 को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए एक औपचारिक सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. यह कदम चार दिनों तक चली घातक सैन्य झड़पों के बाद उठाया गया है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा तनाव

दोनों देशों के बीच तनाव की शुरुआत 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले से हुई थी. इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ग्रुप द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी.

भारत का करारा जवाब: ऑपरेशन सिंदूर

हमले के बाद भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर निशाना साधते हुए जवाबी कार्रवाई की. इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.

भारत ने रखी सख्त शर्तें

हालांकि पाकिस्तान की ओर से शांति वार्ता की पेशकश की गई है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि बातचीत केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही होगी. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “पाकिस्तान को पहले अपने देश में मौजूद आतंकवादी ढांचे को खत्म करना होगा और उनसे सभी संबंध तोड़ने होंगे। तभी कोई सार्थक बातचीत संभव है.”

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