बरेली के गांव केलाडांडी में शुक्रवार को विवादित स्थल की दीवार गिराए जाने के बाद दोनों समुदायों के बीच टकराव हो गया। इस घटना के बाद गांव में तनाव बढ़ गया, जिसे देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

रविवार को जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।

स्थिति को शांत करने के लिए पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है और दोनों समुदायों के बीच संवाद बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, ताकि हालात और बिगड़ने से बचा जा सके। स्थानीय निवासियों में चिंता का माहौल है, और वे शांति और सुरक्षा की उम्मीद कर रहे हैं।

बरेली के क्योलड़िया थाना क्षेत्र के गांव केलाडांडी में दो समुदायों के बीच झगड़े के कारण बने विवादित स्थल की निगरानी के लिए वहां के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। रविवार को डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।

दोनों अधिकारियों ने क्योलड़िया थाने में अलग-अलग बैठकें आयोजित कीं, जिसमें दोनों समुदायों के लोगों से बातचीत की गई। बैठक के दौरान, दूसरे समुदाय ने यह लिखित आश्वासन दिया कि वे नई परंपरा शुरू नहीं करेंगे, जिससे स्थिति को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी।

यह कदम सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद को टाला जा सके। अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे आपसी समझ और सहिष्णुता के साथ रहें।

केलाडांडी में शुक्रवार को विवादित स्थल की दीवार गिराए जाने के बाद दोनों समुदायों के बीच टकराव हो गया था। इस टकराव के बाद भाजपा विधायक डॉ. एपी आर्या ने गांव में धरना देकर दीवार को फिर से बनाने के खिलाफ विरोध जताया।

एक ही पक्ष के 12 लोगों को हिरासत में लेकर मुचलका पाबंद किए जाने से स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई, जिससे गांव के लोगों का गुस्सा बढ़ गया।

गांव में तनाव को देखते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। स्थानीय प्रशासन स्थिति को संभालने के लिए प्रयासरत है और हालात को सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

रविवार को अधिकारियों ने गांव में पैदल मार्च करते हुए विवादित स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद वे क्योलड़िया थाने पहुंचे, जहां कुछ ही देर में दोनों समुदाय के ग्रामीण भी थाने में इकट्ठा हो गए।

थाने के बाहर भीड़ जमा होने पर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए लोगों को वहां से हटाया। इसके बाद अधिकारियों ने दोनों पक्षों के लोगों को अलग-अलग थाने बुलाकर उनसे बातचीत की।

बातचीत के दौरान, यथास्थिति को लेकर दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस विवाद को सुलझाने में मदद मिलेगी। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

एक समुदाय का दावा है कि जमीन वक्फ में दर्ज है।

डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य ने क्योलड़िया थाने में पहले एक पक्ष के प्रतिनिधियों, जिसमें सुमित कुमार, जिला पंचायत सदस्य प्रवेंद्र कुमार और कालीचरण शामिल थे, से बातचीत की।

इस बातचीत के दौरान इन लोगों ने नई परंपरा का हवाला देते हुए दो साल पहले इसी विवादित स्थल को लेकर हुए विवाद के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे उस समय की स्थिति ने विवाद को जन्म दिया और फिर से वही समस्या उत्पन्न होने की आशंका है।

अधिकारियों ने उनके विचारों को ध्यान से सुना और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। बातचीत के इस दौर से यह स्पष्ट हुआ कि स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने और सामुदायिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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