ओटावा में एक कनाडाई महिला ने लोकप्रिय कॉफीहाउस और रेस्तरां चेन टिम हॉर्टन्स इंक पर भेदभाव का आरोप लगाया है। महिला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए कहा है कि कनाडाई कंपनी टिम हॉर्टन्स अपने देश के लोगों के बजाय भारतीयों को नौकरी में तरजीह दे रही है। क्लॉस आर्मिनियस नाम की महिला के ये आरोप लगाने के बाद एक्स पर इस संबंध में कनाडाई लोगों के बीच बहस छिड़ गई है। कई लोगों क्लॉस के इल्जाम को सही कहा है तो कुछ ने इसे गैरजरूरी चर्चा कहा है।
क्लॉस आर्मिनियस का कहना है कि टिम हॉर्टन्स ने पहले तो कनाडाई लोगों के साथ भेदभाव किया और जब उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो उनको कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया। महिला का दावा है कि कंपनी भारतीयों का पक्ष लेती है, जो देश की विविधता और समावेशी चरित्र के खिलाफ है। ऐसे में कंपनी के इस रवैये पर रोक लगनी चाहिए।
क्लॉस आर्मिनियस के इस पोस्ट को 45 लाख लोग देख चुके हैं। पोस्ट में क्लॉस कहती हैं, ‘इंडिय मैनेजर ने विशेष रूप से भारतीय अप्रवासियों को काम पर रखा। एक तरह के लोगों को भर्ती करने से काम करने का वातावरण प्रभावित हुआ। मैंने इन बातों को कंपनी के मैनेजमेंट के सामने रखा तो मेरी चिंताओं को सिरे से खारिज कर दिया गया। इतना ही नहीं इसकी वजह से मुझे चार साल पुरानी नौकरी को भी खोना पड़ा।’
क्लॉस की इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बड़ी तादाद में लोगों का ध्यान खींचा है। यूजर्स ने इस मुद्दे पर अलग-अलग राय व्यक्त की है। कई कनाडाई लोगों ने किसी नौकरी में इस तरह के पक्षपात पर गहरी चिंता जताई है, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अप्रवासी योग्य हैं और कम वेतन में काम करने को राजी हो जाते हैं तो उनको नौकरी क्यों नहीं दी जानी चाहिए। टिम हॉर्टन्स ने अपनी पूर्व कर्मचारी के इन आरोपों पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।
क्लॉस की ये पोस्ट ऐसे समय में सामने आई है और वायरल हो रही है जब कनाडा में घरों की कमी और बढ़ती बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बन रहे हैं। कनाडा में बहुत से लोग आप्रवासियों की बेतहाशा बढ़ती संख्या को घरों और नौकरियों की कमी की वजह मान रहे हैं। देश की जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने हालिया समय में विदेशियों की संख्या घटाने को कई कदम भी उठाए हैं।