नई दिल्ली: देश के हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो, वीआईपी और अन्य परिसरों की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ में पहली महिला बटालियन बनाने की मंजूरी मिल गई है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है। अब जल्द ही सीआईएसएफ पहली ऑल वूमेन बटालियन को बनाने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। इसमें अधिकतर महिलाओं को कमांडो ट्रेनिंग से ट्रेंड किया जाएगा। ताकि वह हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो और वीआईपी की सुरक्षा समेत जरूरत के मुताबिक कहीं पर भी अपनी त्वरित सेवाएं दे सकें। यह बटालियन देश की संसद को सुरक्षा प्रदान करने वाली सीआईएसएफ को मिली जिम्मेदारी को देखते हुए भी बेहद खास होगी।

 

गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

सीआईएसएफ के डीआईजी दीपक वर्मा ने बताया कि गृह मंत्रालय की मंजूरी के साथ ही इस पर काम करना शुरू कर दिया गया है। फिलहाल सीआईएसएफ में करीब एक लाख 90 हजार नफरी है। इनमें करीब सात फीसदी महिलाएं हैं। 12 बटालियन वाली सीआईएसएफ में मौजूदा समय में एक भी बटालियन महिला बटालियन नहीं है। यह पहली बटालियन होगी, जिसमें केवल महिलाएं होंगी। बल में महिला बटालियन बनाने का प्रस्ताव 53वें सीआईएसएफ दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के अनुरूप शुरू किया गया था। जिसे अब मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक मंजूरी दे दी है।

ऑल वूमेन बटालियन में 1025 महिलाएं होंगी

सीआईएसएफ अधिकारियों ने बताया कि ऑल वूमेन बटालियन में 1025 महिलाएं होंगी। इनमें अधिकतर को कमांडो ट्रेनिंग से ट्रेंड किया जाएगा। ताकि किसी भी तरह की इमरजेंसी के वक्त महिला बटालियन की यह कमांडो मोर्चा संभाल सकें। अधिकारियों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि मौजूदा समय में सीआईएसएफ में महिलाएं ना हों। बल में अभी भी महिलाएं हैं और वूमेन कमांडो भी हैं। लेकिन ना तो उनकी कोई स्पेसिफिक बटालियन है और ना ही उनसे यह नई महिला बटालियन खड़ी की जा सकती है। इसके लिए नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर नई महिला बटालियन खड़ी की जाएगी। उम्मीद है कि अगले साल तक सीआईएसएफ को देश को अपनी पहली महिला बटालियन दे देगी।

अग्निवीरों का आरक्षण

अग्निवीर मामले में सीआईएसएफ पहले ही कह चुका है कि भर्तियों में 10 फीसदी का आरक्षण अग्नि वीरों को देगी। इसे देखते हुए इस बटालियन में भी महिला अग्निवीरो का कोटा होगा। हालांकि, अग्निवीरों का पहला ग्रुप 2025 के अंत से आना शुरू होगा। ऐसे में सीआईएसएफ की इस पहली नई महिला बटालियन में तो अग्नि वीरों को फायदा ना मिल पाए, लेकिन आने वाले समय में जरूर फायदा मिलेगा।

महिला सुरक्षा बल की आवश्यकता

  • महिलाओं की भूमिका: आज के समय में महिलाओं की सुरक्षा बलों में भागीदारी की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। यह न केवल समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि सुरक्षा बलों में विविधता भी लाएगा।

  • सामाजिक बदलाव: महिला बटालियन का गठन समाज में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। इससे यह संदेश जाएगा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हैं और वे सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी सक्षम हैं।

भर्ती प्रक्रिया की तैयारी

  • भर्ती प्रक्रिया: सीआईएसएफ की पहली महिला बटालियन के लिए भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इसमें योग्य महिलाओं को कमांडो ट्रेनिंग दी जाएगी।

  • ट्रेनिंग प्रक्रिया: ट्रेनिंग में शारीरिक, मानसिक और तकनीकी कौशल विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। ताकि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकें।

भविष्य की योजनाएँ

  • महिला कमांडो की भूमिका: महिला बटालियन की तैनाती से हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर सुरक्षा में और मजबूती आएगी।

  • सुरक्षा में सुधार: इस बटालियन के गठन से सीआईएसएफ की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए।

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