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एफएनएन ब्यूरो, बरेली। ओज-वीर रस के राष्ट्रीय स्तर के मंचीय कवि कमलकांत तिवारी को मुम्बई में ‘श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान’ से अलंकृत किया गया।

कमलकांत को यह प्रतिष्ठित सारस्वत सम्मान नेहरू युवा केन्द्र और पूर्वांचल मानस मण्डल मुम्बई के तत्वावधान में मुम्बई विश्वविद्यालय, मुम्बई के कविवर्य कुसुमाग्रज सभागृह, सांताक्रुज़ में बसन्तोत्सव- 2025 विराट कवि सम्मेलन में प्रदान किया गया। प्रधानमन्त्री आत्मनिर्भर भारत अभियान के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार पाल व , उत्तर भारत संघ के महामन्त्री देवेन्द्र तिवारी और अन्य मंचासीन अतिथियों द्वारा उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।

इस मौक़े पर काव्यपाठ में कमल कांत तिवारी की सुप्रसिद्ध रचना “कह दो भारत की संसद से और सियासतदारों से,जंग नहीं जीती जाती है जंग लगे हथियारों से” का जादू श्रोताओं के सिरों पर चढ़कर बोला। उनके वीर रस के मुक्तकों को भी खूब सराहना मिली।
कवि अल्हड़ असरदार के संयोजन में हुए आयोजन में प्रमुख रूप अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री डॉ कीर्ति काले, पंकज अंगार, डॉ: इंदु अजनबी, बिट्टू जैन, अन्नपूर्णा गुप्ता, अंजलि शुक्ला, शीतल देवयानी समेत अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

कमलकांत तिवारी की इस उपलब्धि पर डॉ संजय कुमार,राजपाल सिंह, ठाकुर मुन्ना सिंह,उसहैत के पूर्व चेयरमैन गौरव कुमार गुप्ता, अटल भारद्वाज,शिक्षक नंदकिशोर पाठक,रिषीपाल सिंह, विपिन तिवारी, डॉ शैलेष पाठक, प्रियंक तिवारी,संदीप तिवारी,कवि मुकेश कमल, विश्वजीत सिंह निर्भय, उर्मिलेश सौमित्र, मिलन कुमार मिलन आदि साहित्यकारों ने हर्ष व्यक्त किया है।

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