मुरादाबाद के कांठ थाना क्षेत्र में दरियापुर रफायतपुर गांव में सोमवार को 38 वर्षीय सीमा की गला रेतकर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने उसकी देवरानी को इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया और उसे कमरे में बंद कर दिया। परिजनों को घटना की जानकारी तब मिली जब वे खेत से लौटे। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, और जांच के लिए फोरेंसिक तथा डॉग स्क्वाड टीम भी पहुंची है।
कांठ थाना क्षेत्र के दरियापुर रफायतपुर गांव में हरपाल सिंह अपने बेटों के साथ सोमवार सुबह पशुओं के लिए चारा लेने खेत गए थे। घर में उनकी बहू सीमा (38) और सौरभ की पत्नी सुधा (31) थीं। दिन में सीमा की गला रेतकर हत्या कर दी गई, जबकि सुधा को इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया गया। परिजनों को घटना की जानकारी तब मिली जब वे खेत से लौटे। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जब परिवार खेत से घर लौटा, तो किसी का पता नहीं था। गौरव ने देखा कि सुधा बेहोश हालत में फर्श पर पड़ी थी, जबकि उसके हाथ-पैर और मुंह बंधे हुए थे। परिवार ने सीमा की तलाश की, जो भूसे के कमरे में मृत पड़ी मिली, उसका गला धारदार हथियार से रेता गया था। परिजन सुधा को बिजनौर के निजी अस्पताल ले गए। घटना की सूचना पर एसपी देहात भी मौके पर पहुंचे।
मृतका सीमा के घर पर ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद फोरेंसिक, डॉग स्क्वाड और एसओजी की टीम को बुलाया। कई घंटों की जांच के बाद, सीमा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि मृतका के पति राहुल कुमार की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, और मामले की जांच जारी है।
परिजनों ने किसी भी प्रकार की रंजिश से इनकार किया है। मृतका के पति राहुल कुमार ने कहा कि उनका किसी से कोई विवाद नहीं हुआ। घटना के बाद, एसएसपी सतपाल अंतिल ने स्थल का निरीक्षण किया और हत्याकांड के खुलासे के लिए विशेष टीमों का गठन किया। सीओ कांठ अपेक्षा निम्बाडिया ने पुष्टि की कि जांच शुरू कर दी गई है।
यह घटना बहुत ही गंभीर और चिंताजनक है। खुरपी से गला रेतने की आशंका और उसके बाद नल पर हाथ धोने के संकेत से लगता है कि यह हत्या की योजना से की गई थी। पुलिस को चाहिए कि वह सभी सबूतों का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करे, खासकर खुरपी और चबूतरे पर मिले खून के छींटों की।
साथ ही, मृतका के परिवार वालों की स्थिति भी चिंताजनक है, खासकर जब मृतका का शव भूसे के कमरे में पड़ा था और उसकी देवरानी बेहोशी की हालत में पाई गई। ऐसे में यह भी जरूरी है कि पुलिस यह पता लगाए कि क्या इस घटना में कोई अन्य लोग शामिल थे और उनके बीच का संबंध क्या था।
इस तरह के मामलों में जांच प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण होती है, ताकि सही निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके और न्याय मिल सके। क्या आप इस मामले के बारे में और जानकारी चाहते हैं या कोई विशेष बिंदु पर चर्चा करना चाहेंगे?
यह घटना अत्यंत दुखद है, विशेषकर तीन छोटे बच्चों के लिए, जिनकी मां की अचानक मौत ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। बड़ी बेटी रितिका स्कूल गई हुई थी, जबकि छोटी बेटी चकोर और नौ महीने का बेटा गीत घर में थे। इस प्रकार की वारदातें परिवारों पर गहरा मानसिक और भावनात्मक प्रभाव डालती हैं।
मृतका की सास का घर से बाहर होना भी इस स्थिति को और कठिन बनाता है, क्योंकि बच्चे अपनी दादी से सहारा नहीं ले पा रहे हैं। यह स्थिति परिवार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है, और ऐसे में समाज और प्रशासन को उनकी मदद करनी चाहिए।
पुलिस को भी इस मामले में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि हत्यारों को पकड़कर न्याय सुनिश्चित किया जा सके। क्या आप इस विषय में और कुछ जानना चाहेंगे या किसी खास पहलू पर चर्चा करना चाहेंगे?