घटना को करीब 24 घंटे हो चुके हैं, फिर भी फरार आरोपी का अब तक कोई पता नहीं चल सका है।

मंगलवार को वजीरगंज थानाक्षेत्र स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में पेशी पर आए बंदी राजकुमार के फरार हो जाने के मामले में सिपाही विपिन पांडेय और देवेश के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दोनों के खिलाफ जांच भी की जा रही है। दोषी पाए जाने पर दोनों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। इंस्पेक्टर वजीरगंज दिनेश चंद्र मिश्र ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना की जा रही है। दोषी पाए जाने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस बंदी के परिजनों से पूछताछ में जुटी है और उसकी तलाश में दो टीमों को लगाया गया है। हालांकि, घटना को करीब 24 घंटे बीतने के बावजूद फरार आरोपी का अब तक कोई पता नहीं चल सका है।

मामला क्या था 

जानकीपुरम थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में 1 जनवरी 2024 को मड़ियांव के ओरो सिटी निवासी आरोपी राजकुमार कनौजिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मंगलवार को जिला जेल से सिपाही विपिन पांडेय और देवेश उसे पेशी पर लेकर जिला एवं सत्र न्यायालय पहुंचे थे। इसी बीच, गाड़ी से उतरते ही वह फरार हो गया था। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। साथ ही, डीसीपी वेस्ट ओमवीर सिंह ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की थीं। हालांकि, अभी तक आरोपी का कोई पता नहीं चल सका है। उसकी तलाश में लगातार दबिश जारी है।

नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोर्ट से फरार हुआ आरोपी राजकुमार कनौजिया मूलरूप से बस्ती जनपद का रहने वाला है और लखनऊ के मड़ियांव स्थित ओरो सिटी में रहता था। वह नगर निगम में सफाई कर्मी के पद पर नौकरी करता था। आरोपी ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर कई लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी की थी। उसके खिलाफ अन्य जनपदों में भी मुकदमे दर्ज हैं। इसी साल जनवरी में लखनऊ के जानकीपुरम थाने में अतीकुल रहमान नामक पीड़ित ने उस पर 10 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद उसकी गिरफ्तारी की थी। इसी मामले में पेश होने के लिए मंगलवार को उसे कोर्ट लाया गया था, जहां से वह फरार हो गया।

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