गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024 को भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा के निधन से देश में शोक की लहर दौड़ गई है। रतन टाटा ने अपने पीछे हजारों करोड़ की संपत्ति छोड़ी है, जिसके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो गई है।

टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा का निधन

रतन टाटा टाटा परिवार के पितामह थे और एक प्रसिद्ध उद्योगपति और परोपकारी थे। वे 1991 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे और कंपनी को वैश्विक स्तर पर ले गए। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने स्टील, ऑटोमोबाइल, हॉस्पिटैलिटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

करोड़ों की संपत्ति के उत्तराधिकारी की तलाश

रतन टाटा के निधन के बाद उनकी संपत्ति के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो गई है। टाटा समूह भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक समूहों में से एक है, जिसका बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। समूह के पास विभिन्न कंपनियां हैं, जिनमें टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) शामिल हैं।

टाटा ट्रस्ट की भूमिका

टाटा ट्रस्ट, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी, रतन टाटा की संपत्ति के उत्तराधिकारी का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। टाटा ट्रस्ट परोपकारी गतिविधियों के लिए जाना जाता है, और संभावना है कि रतन टाटा की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा इन ट्रस्टों को दान कर दिया जाएगा।

रतन टाटा के उत्तराधिकारी के विकल्प

रतन टाटा के उत्तराधिकारी के लिए कई विकल्प हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • नویل टाटा: नویل टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई, उनके उत्तराधिकारी के लिए एक मजबूत दावेदार हैं। नویل टाटा टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हैं और टाटा समूह के संचालन में कई साल से शामिल हैं।
  • रतन टाटा के भतीजे और भतीजी: रतन टाटा के भतीजे और भतीजी, जिनमें तनिशा मुखर्जी और अगस्त्य नंदा शामिल हैं, उनके उत्तराधिकारी के लिए भी दावेदार हैं।
  • टाटा समूह के पेशेवर प्रबंधक: टाटा समूह के पेशेवर प्रबंधक, जिनमें एन चंद्रशेखरन, टाटा समूह के वर्तमान अध्यक्ष, शामिल हैं, रतन टाटा की संपत्ति के प्रबंधन में भी भूमिका निभा सकते हैं।

By