नोएडा NEET सफलता की कहानी:

नोएडा के 20 वर्षीय समोसा विक्रेता सनी ने NEET परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सबको प्रेरित किया है। सनी, जो सरस्वती विद्या मंदिर के छात्र हैं, ने 2023 में कक्षा 12वीं की परीक्षा में 95% अंक हासिल किए थे। इसके बाद, उन्होंने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के अपने सपने को पूरा करने के लिए एक साल तक कठिन मेहनत की।

 

सनी ने अपनी NEET की तैयारी के लिए ऑनलाइन क्लासेज और यूट्यूब वीडियो का सहारा लिया। इस प्रयास ने उन्हें परीक्षा में सफल होने में मदद की। उनका यह संघर्ष और लगन यह दर्शाता है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।

सनी की कहानी ने यह साबित कर दिया है कि संसाधनों की कमी के बावजूद, सही दिशा और मेहनत से सफलता हासिल की जा सकती है। उनकी सफलता उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की दिशा में प्रयासरत हैं।

सनी की यह सफलता यह दिखाती है कि कठिन परिश्रम और लगन से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। उनके समोसा ठेले का यह छोटा सा सफर अब उनके मेडिकल करियर की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

सनी के 28 वर्षीय भाई, सागर, बताते हैं कि सनी हमेशा से ही एक होनहार छात्र रहा है। दसवीं कक्षा में उसने 93% अंक हासिल किए थे।

सनी का परिवार नोएडा में एक इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर दो कमरों के किराए के घर में रहता है। सनी की बड़ी बहन, अंशु, बीकॉम की छात्रा है, जबकि उसकी दो छोटी बहनें सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। सागर एक निजी कंपनी में सेल्समैन के रूप में काम करता है। सनी के पिता, जो बिहार के मधुबनी जिले में अपने गांव में कृषि भूमि की देखभाल कर रहे हैं, परिवार की कृषि से जुड़े कामकाज में व्यस्त रहते हैं।

सनी की यह सफलता न केवल उसके परिवार के लिए एक गर्व का विषय है, बल्कि यह उसकी कठिनाई और समर्पण की कहानी को भी उजागर करती है। उनके द्वारा की गई मेहनत और प्रयासों ने उन्हें अपनी मंजिल तक पहुँचाया है और यह उनके परिवार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

सागर की  मेहनत की कहानी 

सनी कुमार की मेहनत और लगन की कहानी उसके बड़े भाई सागर द्वारा बताई गई है। सागर ने साझा किया कि उन्होंने कभी भी सनी को पढ़ाई करने के लिए मजबूर नहीं किया। सागर ने कहा, “हमें कभी भी उसे पढ़ने के लिए नहीं कहना पड़ा। जब भी मैं आधी रात को उठता, तो उसे पढ़ते हुए पाता था।”

सनी ने बताया कि NEET की यह सफलता उसका दूसरा प्रयास था। पिछले साल, उसने पर्याप्त तैयारी नहीं की थी और इस बार वह अपना प्रयास बर्बाद नहीं करना चाहता था। सनी ने कहा, “सागर भैया ने मुझे अनुभव प्राप्त करने के लिए इसे आजमाने को कहा। इस बार मैंने कड़ी मेहनत की थी।”

सनी की यह लगन और मेहनत यह दर्शाती है कि सच्ची मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी कहानी न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि सभी को प्रेरित करने वाली भी है

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