कभी राजनीति में “गंभीरता की कमी” और “कमज़ोर नेता” कहकर आलोचना झेलने वाले राहुल गांधी अब जनता की नजरों में धीरे-धीरे एक मजबूत नेता बनते दिख रहे हैं। उनकी भारत जोड़ो यात्रा, संसद में विपक्ष के नेता की सक्रियता और हाल ही में बिहार की वोट अधिकार यात्रा ने उनकी छवि को नया आयाम दिया है।
सर्वे ने खोली तस्वीर
इंडिया टुडे और सी-वोटर के मूड ऑफ द नेशन सर्वे (जुलाई–अगस्त 2025) में 2 लाख से ज्यादा लोगों से राय ली गई। नतीजे चौंकाने वाले रहे—जनता अब राहुल गांधी को सिर्फ कांग्रेस का चेहरा नहीं, बल्कि विपक्ष का असली नेता मानने लगी है।
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INDIA ब्लॉक का नेतृत्व: 28% लोगों ने कहा कि विपक्षी गठबंधन की कमान राहुल गांधी को ही संभालनी चाहिए। ममता बनर्जी (8%), अखिलेश यादव (7%) और केजरीवाल (6%) उनसे काफी पीछे रहे।
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नेता प्रतिपक्ष का प्रदर्शन: 50% लोगों ने संसद में राहुल गांधी के काम को अच्छा बताया।
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कांग्रेस का चेहरा: 38% ने कांग्रेस नेतृत्व के लिए राहुल गांधी को सबसे उपयुक्त माना। सचिन पायलट (16%) और खड़गे (12%) उनके मुकाबले बहुत पीछे रहे।
कांग्रेस और INDIA गठबंधन को भी फायदा
कांग्रेस के कामकाज से 47% लोग संतुष्ट दिखे और 66% ने कहा कि वही असली विपक्ष है। वहीं, 63% लोगों ने माना कि INDIA गठबंधन को जारी रहना चाहिए। यानी विपक्ष की एकता पर भरोसा अब भी मजबूत है।
राहुल गांधी की बदलती पहचान
पहले उनके भाषणों पर चुटकुले और मीम बनते थे, लेकिन अब जनता उनकी आक्रामकता और साफगोई को नोटिस कर रही है। संसद में चुनावी धांधली और SIR जैसे मुद्दों पर उनकी मुखरता ने उन्हें गंभीर और ज़िम्मेदार नेता बना दिया है।
बीजेपी के लिए संकेत
हालांकि बीजेपी सर्वे में सबसे आगे है, मगर फरवरी 2025 के 281 सीटों के अनुमान की तुलना में अगस्त में यह संख्या घटकर 260 रह गई है। यह गिरावट विपक्ष के लिए राहत और बीजेपी के लिए चेतावनी मानी जा रही है।