ये मामला एक जटिल अपराध का है, जिसमें आरोपी ने अपने बचाव में ये दावा किया कि वह घटना के समय शहर में मौजूद नहीं था। हालांकि, पुलिस की तफ्तीश ने कुछ ऐसे सुराग जुटाए, जिन्होंने आरोपी की बात को खंडित कर दिया।

पुलिस ने सबसे पहले इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिससे पता चला कि घटना के समय आरोपी उस स्थान पर मौजूद था। इसके अलावा, कुछ गवाहों ने भी उसके वहां होने की पुष्टि की। इसके साथ ही, पुलिस ने तकनीकी सबूतों का भी सहारा लिया, जैसे मोबाइल फोन लोकेशन डेटा, जिसने यह साबित किया कि आरोपी घटना के समय उस इलाके में था।

इन सब सबूतों के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप लगाए। यह केस दर्शाता है कि पुलिस की कड़ी मेहनत और आधुनिक तकनीक का उपयोग कैसे एक निर्दोष दिखने वाले व्यक्ति को अपराधी साबित कर सकता है।

इस मामले में आरोपी को आखिरकार न्यायालय में पेश किया गया, जहां सबूतों के आधार पर उसे दोषी ठहराया गया। यह घटना न केवल पीड़ित के लिए न्याय की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और सच्चाई हमेशा सामने आती है।

पुलिस ने जब मौके पर पहुंचकर जांच की, तो पता चला कि 22 वर्षीय लड़की, जिसका नाम प्रियंका था, की लाश उसके बेडरूम में मिली थी। शव के पास खून का एक बड़ा तालाब था, और उसके शरीर पर कई चाकू के घाव थे, जो इस हत्या को बेहद क्रूर बनाते थे। प्रियंका एक प्रतिभाशाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी और उसके सहकर्मियों ने बताया कि वह काफी मेहनती और समझदार लड़की थी।

जांच के दौरान, पुलिस ने प्रियंका की दोस्त से पूछताछ की, जो उसी अपार्टमेंट में उसके साथ रह रही थी। उसने बताया कि वह उस दिन प्रियंका के साथ थी, लेकिन कुछ समय बाद उसे एक महत्वपूर्ण फोन आया और वह बाहर चली गई। जब वह वापस आई, तो प्रियंका की लाश देखी।

पुलिस ने प्रियंका के दोस्तों और सहकर्मियों से भी पूछताछ की, जिससे यह पता चला कि प्रियंका का कुछ समय पहले एक युवक के साथ संबंध था, जो बाद में खत्म हो गया था। पुलिस ने उस युवक को संदिग्ध मानकर उसकी तलाश शुरू की।

सभी सुरागों को इकट्ठा करने के बाद, पुलिस ने तकनीकी सबूतों का सहारा लिया। प्रियंका के फोन की जांच की गई, जिससे पता चला कि उसकी कुछ अंतिम कॉल उस युवक के पास गई थीं। इसके आधार पर पुलिस ने उस युवक को गिरफ्तार किया।

जांच में सामने आया कि प्रियंका की हत्या के पीछे एक प्रेम प्रसंग का विवाद था। युवक ने प्रियंका पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए उसे हत्या का निशाना बना लिया था। इस केस ने न केवल प्रियंका के परिवार को झकझोर दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि रिश्तों में कई बार दरारें किस हद तक जा सकती हैं।

यह मामला न केवल एक दर्दनाक हत्या की कहानी है, बल्कि यह हमारे समाज में संबंधों की जटिलताओं और उनकी संभावित गंभीर परिणामों पर भी प्रकाश डालता है।

यह मामला बेहद दिल दहला देने वाला था, जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि मृतका प्रियंका के साथ उसकी हत्या से पहले कई बार दुष्कर्म किया गया था। इसके बाद, आरोपी ने बेरहमी से चाकू से वार करके उसकी जान ले ली थी। इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया था, और पुलिस पर कातिल को जल्द से जल्द पकड़ने का दबाव बढ़ गया था।

पुलिस ने मामले की जांच तेज की और विभिन्न तकनीकी सबूतों, कॉल रिकॉर्ड्स, और सीसीटीवी फुटेज की मदद से सुराग जुटाए। अंततः, दो दिन बाद पुलिस ने 800 किलोमीटर दूर भोपाल में कातिल को ढूंढ निकाला। हैरान करने वाली बात यह थी कि आरोपी कोई और नहीं, बल्कि मृतका का पुराना प्रेमी ही था।

जांच में पता चला कि आरोपी और प्रियंका के बीच पहले प्रेम संबंध थे, लेकिन किसी कारणवश उनका रिश्ता टूट गया था। इसके बाद, आरोपी प्रियंका के प्रति नफरत और आक्रोश से भर गया था। उस रात जब प्रियंका अकेली थी, आरोपी ने मौके का फायदा उठाया और उसकी जिंदगी खत्म करने का घिनौना प्लान बनाया।

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