नोएडा: हाल ही में गाजियाबाद में एक महिला के साथ हुई डिजिटल ठगी की घटना ने सभी को चौंका दिया है। ठगों ने महिला को मुंबई से ईरान में भेजे जा रहे संदिग्ध सामान के नाम पर डराया और उसे 34 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। इस मामले में पीड़िता, निधि पालीवाल, ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है, और पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है।

साइबर ठगों का जाल

पार्सल में भेजे जा रहे संदिग्ध सामान के डर ने निधि को इतना भयभीत कर दिया कि वह ठगों की बातों में आ गई। उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आई जिसमें कहा गया कि उनके नाम से एक कुरियर मुंबई से ईरान भेजा जा रहा है। इस कुरियर में एमडीएमए के साथ 5 फर्जी पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड और 900 डॉलर शामिल थे। ठगों ने निधि के आधार कार्ड की जानकारी भी दी, जिससे वह और भी भयभीत हो गईं।

डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी

ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर निधि को मुंबई बुलाया और यदि वह नहीं गईं तो उन्हें ऑनलाइन गिरफ्तारी का डर दिखाया। यह सुनकर निधि घबरा गईं और उन्होंने ठगों की बातों पर विश्वास कर लिया। ठगों ने उन्हें बताया कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है, जिससे उनकी स्थिति और गंभीर हो गई।

लोन का जाल

बाद में, निधि को यह भी कहा गया कि उन्हें एक प्री-एप्रूव्ड लोन लेना होगा। ठगों ने उन्हें अपने बैंक अकाउंट को खोलने के लिए कहा और निधि ने जैसे ही लोन के लिए आवेदन किया, उनके अकाउंट में लगभग 19 लाख रुपये आए। इसके बाद ठगों ने निधि को दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।

34 लाख रुपये की धोखाधड़ी

सिर्फ इतना ही नहीं, ठगों ने निधि को यह भी बताया कि उन्हें आरबीआई की जांच के नाम पर 34 लाख रुपये भेजने होंगे। ठगों ने उन्हें आश्वासन दिया कि यह पैसे जांच के बाद वापस कर दिए जाएंगे। जब निधि ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, तब ठगों ने कॉल काट दी और उनका पता नहीं चला।

पुलिस की कार्रवाई

इस घटना के बाद निधि ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। हालांकि, यह मामला 8 अगस्त को हुआ था, लेकिन पुलिस को शिकायत दर्ज करने में तीन महीने का समय लगा।

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