लकाता में मेडिकल कॉलेज के पास धारा 163 लगा दी गई है. 24 अगस्त तक विरोध प्रदर्शन पर रोक रहेगी. अस्पताल के आसपास 5 से अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा.कोलकाता में हाल ही में लागू की गई भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 (पूर्व में धारा 144) के तहत महत्वपूर्ण सुरक्षा और कानूनी उपाय किए गए हैं। इस धारा के लागू होने के पीछे की मुख्य वजह और उसके प्रभाव पर कुछ बिंदुओं को समझा जा सकता है:

ये धारा पहले 144 नाम से जानी जाती थी डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के विरोध के बीच 14 अगस्त की देर रात अस्पताल में अचानक सैकड़ों की भीड़ घुस गई और तोड़फोड़ की थी.

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से CBI द्वारा पूछे गए 17 सवाल और मेडिकल कॉलेज के आसपास धारा 163 लागू करने की खबर महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। यह घटनाक्रम संभवतः किसी विशेष मामले की जांच से संबंधित हो सकता है, जो CBI द्वारा की जा रही हैपूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से CBI द्वारा पूछे गए 17 सवाल और मेडिकल कॉलेज के आसपास धारा 163 लागू करने की खबर महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। यह घटनाक्रम संभवतः किसी विशेष मामले की जांच से संबंधित हो सकता है, जो CBI द्वारा की जा रही है। इस परिप्रेक्ष्य में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जा सकता है:

CBI द्वारा पूछे गए 17 सवाल

CBI द्वारा पूछे गए 17 सवाल संदीप घोष से किसी विशेष मामले की जांच के संदर्भ में हो सकते हैं। ये सवाल उनकी भूमिका, निर्णय, और किसी भी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हो सकते हैं।

वाल आमतौर पर जांच से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर होते हैं, जैसे कि संदीप घोष की प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ, मेडिकल कॉलेज में उनकी भूमिका, और किसी भी संदिग्ध गतिविधियों या अनियमितताओं के बारे में जानकारी।

धारा 163 आमतौर पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की एक धारा है, जो किसी विशेष क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू की जाती है। यह धारा आमतौर पर किसी विशेष मामले के चलते सुरक्षा, नियंत्रण, और जांच की सुविधा के लिए लागू की जाती है।

मेडिकल कॉलेज के आसपास धारा 163 लागू करने का मतलब हो सकता है कि इस क्षेत्र में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं या किसी संवेदनशील मामले की जांच के दौरान इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।

धारा 163 के तहत लागू की गई सुरक्षा व्यवस्था इलाके में सार्वजनिक आदेश और सुरक्षा बनाए रखने के लिए की जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि जांच प्रक्रिया सुचारू और निर्बाध तरीके से चल सके।

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