एफएनएन, बरेली: बहेड़ी थाने की भुड़िया चौकी इंचार्ज को एंटी करप्शन की टीम ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में चौकी इंचार्ज की पत्नी ने एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई पर कई सवाल उठाते हुए एसएसपी से शिकायत की है। आरोप लगाया कि जब उनके पति कैंट थाने में थे तो एंटी करप्शन टीम के एक अधिकारी ने एक महिला को छोड़ने का दबाव बनाया था लेकिन उनके पति ने महिला को नहीं छोड़ा था। इसी वजह से उनके पति को झूठे आरोप में फंसाया गया है। एसएसपी अनुराग आर्य ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

उत्तराखंड के किच्छा निवासी जीशान मलिक की शिकायत पर 7 जनवरी को एंटी करप्शन की टीम ने बहेड़ी थाने की चौकी भुड़िया इंचार्ज दीपचंद को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा था। दीपचंद पर जीशान ने आरोप लगाया था कि एक मामले का मुकदमा खत्म करने के बदले 2.50 लाख रुपये की मांग की थी। उन्होंने दीपचंद को रुपये दिए, उसी वक्त एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। इस संबंध में एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि दरोगा दीपचंद की पत्नी गुंजन की शिकायत पर जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है। टीम में एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा, एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा और सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव शामिल हैं।

गुंजन ने एसएसपी से की शिकायत में बताया कि जिस वक्त एंटी करप्शन की टीम ने उनके पति को गिरफ्तार किया था, उस वक्त चौकी में कई लोग बैठे थे, लेकिन टीम ने उनमें से किसी एक व्यक्ति को गवाह नहीं बनाया। गिरफ्तारी से पहले टीम चौकी पर तैनात एक सिपाही को उठाकर उत्तराखंड ले गई। वहां डराया धमकाया और उस सिपाही से ही दराज में 50 हजार रुपये रखवा दिए। यदि सिपाही से पूछताछ की जाए तो हकीकत सामने आ जाएगी। जब उनके पति कैंट थाने में तैनात थे, तब एंटी करप्शन के एक अधिकारी ने एक महिला को छोड़ने का दबाव बनाया था। इस संबंध में अधिकारी ने थाना प्रभारी कैंट को भी फोन किया था। बताया कि यदि कॉल डिटेल निकलवाई जाए तो हकीकत सामने आ जाएगी। दबाव न मानने पर एंटी करप्शन के अफसर ने उनके पति को फंसाया है।

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