एफएनएन, क्वेटा: पाकिस्तान से आजादी के लिए बलूचिस्तान में जंग ने जोर पकड़ ली है। बलूच नेताओं ने जगह जगह विरोध प्रदर्शनों को काफी तेज कर दिया है। पाकिस्तान की सेना की तरफ से जबरन गायब किए गये लोगों और मानवाधिकार का उल्लंघन करने का हवाला देते हुए कई बलूच नेताओं ने बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान कर कर दिया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि पाकिस्तान की सेना एक बार फिर से बलूच के लोगों का कत्लेआम कर सकती है। बलूचिस्तान के स्वतंत्रता सेनानियों की तरफ से बलूचिस्तान के लिए अलग से राष्ट्रीय ध्वज और बलूचिस्तान का अलग नक्शा जारी किया गया है, जिनमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर लगातार ‘बलूचिस्तान रिपब्लिक’ ट्रेंड कर रहा है।

बलूचिस्तान की प्रमुख बलूच कार्यकर्ता और लेखक मीर यार बलूच ने कहा है कि “पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में आजादी की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं और राष्ट्रव्यापी आंदोलन किए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि ‘बलूचों ने देशव्यापी प्रदर्शन में ऐलान कर दिया है कि बलूचिस्तान, पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है।’ इसके अलावा मीर यार बलूच ने इंटरनेशनल कम्युनिटी और यूनाइटेड नेशंस से “बलूचिस्तान लोकतांत्रिक गणराज्य” को एक संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देने का भी आग्रह किया है।

पाकिस्तान की कार्रवाई की अफगान नेताओं ने की निंदा
वहीं अफगानिस्तान की निर्वासित सांसद मरियम सोलायमानखिल ने पाकिस्तान की सेना की बलूचों का जबरन अपहरण करने और उनसे क्रूरता करने की आलोचना की है। पाकिस्तान की सेना बलूचों के साथ काफी खतरनाक व्यवहार कर रही है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई को “जबरन उपनिवेशीकरण, जबरन कब्जा” करार दिया है। जबकि पाकिस्तान दावा करता है कि वो आतंकवाद विरोधी अभियान चला रहा है। उन्होंने भारतीय समाचार एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि “मुझे लगता है कि हर कोई उस सैन्य तानाशाही से तंग आ चुका है जिसके तहत वे रह रहे हैं।” इसके अलावा उन्होंने कहा, “बलूचिस्तान में हमारे पास डॉ. महंग बलूच जैसे शांतिपूर्ण अहिंसक कार्यकर्ता हैं, जो जेल में हैं लेकिन ओसामा बिन लादेन और लश्कर ए तैयबा के नेताओं जैसे लोगों को देश में आजादी से घूमने की इजाजत है।”

बलूचिस्तान स्वतंत्रता आंदोलन का मुद्दा क्या है?
आपको बता दें कि बलूचिस्तान, पाकिस्तान का दक्षिण-पश्चिमी प्रांत है, जो सबसे ज्यादा खनिज संपन्न प्रांत होने के बाद भी सबसे ज्यादा गरीब है। पाकिस्तान इन इलाकों की खनिज संपदा को बेचती है और उसका इस्तेमाल पाकिस्तान की सेना का पेट भरने और पाकिस्तानी पंजाब के डेवलपमेंट में खर्च होता है। बलूचिस्तान में चलने वाले ज्यादातर चीनी प्रोजेक्ट्स में भी पाकिस्तानी पंजाब के लोग ही काम करते हैं। लिहादा बलूचिस्तान सालों से आजादी की मांग कर रहा है। बलूच विद्रोही अकसर पाकिस्तानी पंजाब के लोगों का कत्ल करते रहते हैं। इस प्रांत में चीनी प्रोजेक्ट्स पर भी हमले होते रहते हैं। बलूच विद्रोही बलूचिस्तान की खनिज संपदा में बलूच लोगों के हिस्से की मांग करते हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी भी एक स्वतंत्रता सेनानी संगठन है, जो बलूचिस्तान की आजादी की मांग कर रहा है। बलूच फ्रीडम फाइटर्स ने दो महीने पहले बलूचिस्तान में 450 से ज्यादा लोगों ले जारी ट्रेन को अगवा कर लिया था।

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