अमरोहा: जिले में चल रहे अवैध क्लीनिकों पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन क्वैकरी के तहत कई क्लीनिकों पर छापेमारी की। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन क्लीनिकों को सील कर दिया और संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। इस कार्रवाई के दौरान बिना लाइसेंस और बिना योग्यता के चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे कई फर्जी डॉक्टरों को पकड़ा गया।

 अवैध क्लीनिकों का संचालन
अमरोहा जिले के विभिन्न इलाकों में लंबे समय से अवैध क्लीनिकों का संचालन हो रहा था। यहां बिना किसी मेडिकल डिग्री या लाइसेंस के झोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे थे, जिससे मरीजों की जान को खतरा बना हुआ था। स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में कई बार शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद जिला प्रशासन ने ऑपरेशन क्वैकरी के तहत छापेमारी अभियान चलाया।

छापेमारी की विस्तृत जानकारी
इस ऑपरेशन के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले के कई क्षेत्रों में छापेमारी की। इस दौरान बिना लाइसेंस के चल रहे कई क्लीनिकों को पकड़ा गया। प्रशासन की टीम ने मौके पर ही इन क्लीनिकों को सील कर दिया और संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी।

छापेमारी में पकड़े गए क्लीनिकों में कई जगहों पर न तो पर्याप्त चिकित्सा उपकरण मिले और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। कई क्लीनिकों में सिर्फ प्राथमिक उपचार करने की व्यवस्था थी, लेकिन वे बड़े-बड़े बीमारियों के इलाज का दावा कर रहे थे। ऐसे क्लीनिक मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।

स्वास्थ्य विभाग की सख्ती
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जिले में अवैध क्लीनिकों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। बिना लाइसेंस और बिना योग्यता के चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी अवैध रूप से चल रहे क्लीनिक की जानकारी मिले, तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

 मरीजों की सुरक्षा का मुद्दा
इस छापेमारी के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के कारण मरीजों की जान खतरे में रहती है। कई बार गलत इलाज और गलत दवाओं के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि आगे भी ऐसी कार्रवाई होती रहेगी, जिससे जिले में अवैध चिकित्सा सेवाओं पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सके।

इस कार्रवाई के बाद जिले में चिकित्सा सेवाओं को लेकर जागरूकता बढ़ी है, और लोग अब सही डॉक्टर और सही अस्पताल चुनने के प्रति सजग हो रहे हैं।

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