आगरा: रिश्वतखोरी के आरोप में जेल गए संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा को शासन ने निलंबित कर दिया है। उन्हें 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। शर्मा ने सहायक अध्यापक के पक्ष में रिपोर्ट देने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की थी। 17 अगस्त को पहली किस्त के रूप में 3 लाख रुपये लेते हुए विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार किया।

अजय पाल, जो शाहगंज के डीसी वैदिक इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक हैं और आवास विकास सेक्टर-3 के निवासी हैं, के खिलाफ फर्जी नियुक्ति की शिकायत की गई थी। इस मामले में रिपोर्ट देने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) आरपी शर्मा ने 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। शर्मा ने रकम को किस्तों में मांगने की कोशिश की। शिक्षक ने बताया कि डीआईओएस ने उन्हें क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन जेडी अपनी रिपोर्ट नहीं लगा रहे थे और रिश्वत की मांग कर रहे थे। इसके बाद शिक्षक ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई।

पहली किस्त के तौर पर 3 लाख की मांग

विजिलेंस जांच में शिकायत सही पाई गई। पहली किस्त के तौर पर 3 लाख रुपये मिठाई के डिब्बे में रखकर दिए जा रहे थे। 17 अगस्त की शाम को जब शिकायतकर्ता अजय पाल पैसे देने पहुंचा, तो विजिलेंस टीम ने जेडी आरपी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद कई अन्य शिक्षकों ने भी विजिलेंस ऑफिस में शिकायत की, जिनसे भी जेडी ने पैसे ले लिए थे। अब आरपी शर्मा जेल में बंद हैं और उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

शिकायतकर्ता को घेरे में लेने की कोशिश

सहायक अध्यापक अजय पाल की शिकायत के बाद विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उसके खिलाफ हो गए हैं। बुधवार को जब जेडी के निलंबन का पत्र आया, तो अजय पाल की बर्खास्तगी की चर्चाएं शुरू हो गईं। हालांकि, उनका मामला अभी विधानपरिषद की जांच में अटका हुआ है। जब तक शिकायत का समाधान नहीं होता, तब तक बर्खास्तगी का कोई निर्णय नहीं होगा।

शिक्षकों ने किया जोरदार प्रदर्शन

संयुक्त शिक्षा निदेशक के ट्रैप मामले में शिक्षक संगठनों का गुस्सा भड़क उठा है। यूपी ऑफिसर्स एसोसिएशन की मांग पर प्रमुख सचिव ने दो आईएएस अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है जो जेडी के मामले की जांच करेगी। हालांकि, जेडी ने अभी तक जमानत की याचिका नहीं दायर की है, और उसकी न्यायिक हिरासत को 14 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है।

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