रुद्रपुर। उधमसिंहनगर में नशे का दंश युवाओं की जिंदगी के साथ-साथ परिवारों को भी तबाह कर रहा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि माता-पिता अपने ही बेटों को नशे की लत और अपराधी प्रवृत्ति के कारण संपत्ति से बेदखल करने लगे हैं। जिले में ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

नशे का कारोबार जिले में लगातार फल-फूल रहा है। युवा स्मैक, इंजेक्शन और गांजे जैसे खतरनाक नशों के शिकार हो रहे हैं। ट्रांजिट कैंप निवासी सुषमा हलदार ने बताया कि पति की मौत के बाद उन्होंने मेहनत-मजदूरी कर बेटे को पाला, लेकिन वह स्मैक का आदी हो गया। पैसे न मिलने पर वह मारपीट करता, चोरी करता और दो बार जेल भी जा चुका है। आखिरकार, सुषमा ने बेटे को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया।

ऐसे ही कई परिवारों की कहानी एक जैसी है —
केस 1: शास्त्रीनगर निवासी नन्हे ने अपने बेटे ओम को इस महीने बेदखल किया। उनका कहना है कि शादी के बाद बेटा नशे में डूब गया और परिवार के लिए परेशानी बन गया।
केस 2: शिवनगर निवासी प्रेमवती प्रसाद ने अक्तूबर में अपने बेटे सोनू को संपत्ति से बेदखल किया। वह इंजेक्शन का नशा करता था और घर में उत्पात मचाता था।
केस 3: रंपुरा निवासी रोशन कोली ने अपने इकलौते बेटे रोहन को बेदखल किया। नशे की लत ने उसे चोर बना दिया था, जिसके चलते घर पर पुलिस आने लगी।
केस 4: जगतपुरा निवासी केशव मौर्य ने भी अपने बेटे को घर से निकाल दिया। उन्होंने बताया कि बेटा दिनभर बाहर आपराधिक घटनाओं में शामिल रहता और रात में नशे में धुत होकर लौटता है।

विशेषज्ञों की राय:
सुशीला तिवारी अस्पताल के वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ. युवराज पंत का कहना है कि बच्चों को संपत्ति से बेदखल करना समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। नशा एक बीमारी है, जिसका इलाज संभव है। परिवार को बच्चों को भावनात्मक सहयोग और चिकित्सीय सहायता देकर सही राह पर लाने की कोशिश करनी चाहिए।

जिले में नशे की बड़ी खेप बरामद:
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वर्ष 2025 में उधमसिंहनगर जिले में पांच किलो से अधिक स्मैक पकड़ी गई है। यह आंकड़ा कुमाऊं के अन्य जिलों से कहीं अधिक है। इसके अलावा जिले में 28 किलो चरस, 716 किलो गांजा, 6539 नशे की गोलियां और कैप्सूल, साथ ही 580 इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं।

एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया, “नशे के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। यूपी से आने वाली खेप को सीमाओं पर ही पकड़ लिया जा रहा है। हमारी सख्त कार्रवाई का ही नतीजा है कि जिले में सबसे अधिक नशा बरामद किया गया है।”

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