पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को नाकाफी और राज्य का अपमान बताया है। मंत्रियों का कहना है कि चार दशकों की सबसे विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहे पंजाब को कहीं अधिक सहायता की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरा केवल दिखावा था और वास्तविक मदद की उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया। उन्होंने दावा किया कि किसानों, मजदूरों और कारोबारियों के साथ-साथ राज्य की सड़कों, घरों और खेतों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने भी पैकेज को नाकाफी बताते हुए कहा कि पंजाब को कम से कम 60 हजार करोड़ रुपये की ज़रूरत है। वहीं, गुरमीत सिंह खुडियन, हरभजन सिंह ईटीओ, वरिंदर कुमार गोयल, लाल चंद कटारूचक और लालजीत सिंह भुल्लर जैसे मंत्रियों ने इसे महज़ ‘दिखावा’ करार दिया।
पंजाब की धरती ने हमेशा देश का पेट भरा है, सीमाओं की हिफ़ाज़त की है और हर संकट की घड़ी में भारत को सहारा दिया है।आज वही पंजाब बाढ़ से डूबा पड़ा है। किसान बरबाद, घर डूब गए, मजदूरों की रोज़ी रोटी छिन गई, लेकिन मोदी सरकार उन्हें सिर्फ़ ₹1600 करोड़ देकर “सांत्वना” देती है।और जब…
— Manish Sisodia (@msisodia) September 9, 2025
AAP नेता अमन अरोड़ा और पार्टी प्रभारी मनीष सिसोदिया ने भी केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि 1600 करोड़ रुपये का पैकेज बाढ़ प्रभावित पंजाब के लोगों के लिए ‘तमाचा’ है। उनके अनुसार, इतना बड़ा संकट झेल रहे राज्य को इस राहत पैकेज से कोई वास्तविक सहारा नहीं मिल सकता।
पंजाब कांग्रेस ने भी पीएम के राहत पैकेज की आलोचना की है और कहा है कि यह बाढ़ पीड़ितों के लिए यह बहुत कम है. हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार राज्य कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि पंजाब के लोगों को प्रधानमंत्री से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने सभी को निराश किया. उन्होंने कहा, ‘यह तो बहुत कम है. जैसे हम हिंदी में कहते हैं ऊंट के मुंह में जीरा.